इस बार हेलीकॉप्टर से मचैल जाने में जेब होगी ज्यादा ढीली
बलबीर ¨सह जम्वाल, किश्तवाड़ : इस वर्ष मचैल यात्रा में हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वालों को ज्या
बलबीर ¨सह जम्वाल, किश्तवाड़ :
इस वर्ष मचैल यात्रा में हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वालों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। इस बार यात्रा करने वाले भक्तों को 4,400 रुपये किराया चुकाना होगा, जो पिछले साल की तुलना में 1420 रुपये ज्यादा है।
पिछले कई सालों से मचैल यात्रा में हेलीकॉप्टर की सेवा दी जा रही है और हर साल किराया बदलता रहता है। दो साल पहले 2016 में मचैल यात्रा का आने-जाने का किराया 3,850 रुपये था। उसके बाद 2017 में रेट काफी नीचे आया और आने-जाने का किराया 2,980 रुपए रखा गया। पिछले साल पवन हंस और यूटी एविएशन ने हेलीकॉप्टर चलाए, लेकिन दोनों ही कंपनियों की काफी शिकायतें रहीं। इस बार प्रशासन ने अपने टेंडर नोटिस में यह शर्त रखी कि जो कंपनी किसी और जगह पर अपने हेलीकॉप्टर सेवा दे रही है वह कंपनी मचैल यात्रा के लिए टेंडर नहीं डाल सकती। इसके चलते यूटी एविएशन ने इस वर्ष टेंडर नहीं डाला। पीछे तीन कंपनियां बच गई, जिन्होंने टेंडर डाला।
शुक्रवार को जब टेंडर खोले गए तो उसमें एक तरफ का किराया आर्यन कंपनी का 2,600 रुपये, पवन हंस का 2,400 रुपये और हेरिटेज का 2,480 रुपये रखा गया। टेंडर खोलने के बाद हेरिटेज और पवन हंस ने अपना रेट कम करके एकतरफा किराया 2,200 किया और दोनों तरफ का किराया 4,400 रुपये रखा, जो कि पिछले साल से 1420 ज्यादा है।
18 अप्रैल के अंक में दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित कर इसकी आशंका व्यक्त की थी कि इस साल मचैल यात्रा के हेलीकॉप्टर के किराए में बढ़ोतरी हो सकती है। दैनिक जागरण की आशंका सही साबित हुई। प्रशासन ने जो शर्ते रखी थी उसमें बाकी कंपनियां टेंडर नहीं डाल सकती थीं। इसलिए यह बात तय थी कि जो कंपनियां टेंडर डाल रही हैं वह अपनी मनमर्जी का किराया वसूलेंगी।
इस बारे में सर्वशक्ति सेवा संस्था के प्रधान नेकराम मन्हास का कहना था कि हम प्रशासन से मिलकर और किराया कम करने की कोशिश करेंगे, क्योंकि 4,400 रुपए किराया बहुत ज्यादा है। इससे गरीब यात्री, जो पैदल चलकर मचैल नहीं पहुंच सकता और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना चाहता है, किराया बढ़ जाने से वह नहीं जा पाएगा।
वहीं, इस बारे में किश्तवाड़ के डीसी अंग्रेज ¨सह राणा का कहना था कि कंपनियों ने जो रेट डाले थे, हमने उनसे बातचीत करके 400 कम करवाया है, लेकिन इससे नीचे रेट पर कंपनियां हेलीकॉप्टर सेवा देने को नहीं मान रही हैं।