तीन माह बाद खुले मचैल चंडी मंदिर के कपाट
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ इलाके के मशहूर मां चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांत
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ इलाके के मशहूर मां चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। तीन महीने बाद बैसाखी के दिन मंदिर के कपाट खोले गए। मंदिर खुलते ही सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं ने मां चंडी के मंदिर में जाकर माथा टेका और दुआ मांगी।
हर साल लोहड़ी के दूसरे दिन मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और तीन महीने तक बंद रहने के बाद बैसाखी के दिन मंदिर को खोला जाता है। तीन महीने तक मंदिर से ले जाकर मां सरस्वती की मूर्ति मंदिर के साथ ही स्थित पहलवान ¨सह के घर के बने मंदिर में रखी जाती है। उस मूर्ति को बैसाखी के दिन छोटे मंदिर से उठाकर मुख्य मंदिर में रखा जाता है। मूर्ति को वहां से मचैल का मुख्य पुजारी उठाकर मंदिर तक ले जाता है। इस वर्ष भी मूर्ति को पहलवान ¨सह के घर से जब उठाया गया तो भारी संख्या में श्रद्धालु मूर्ति के साथ मंदिर तक जयकारे लगाते पहुंचे। मंदिर के अंदर विधिवत रूप से मूर्ति की स्थापना की गई।
उसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर को खोला गया। इस वर्ष मचैल में स्थानीय लोगों के अलावा अन्य जिलों से भी बड़ी तादाद में लोग पहुंचे थे। सभी ने मां चंडी के दर्शन किए। इस मौके पर मंदिर में पूजा के बाद मंदिर में लोग ढोल नगाड़ों की थाप पर काफी समय तक कुड नृत्य करते रहे। मंदिर खुलने के बाद स्थानीय लोगों के लिए उत्सव का माहौल होता है और लोग बड़े चाव से इस उत्सव को मनाते हैं। इस वर्ष बैसाखी के दिन बड़ी-बड़ी हस्तियां मां के दरबार में पहुंची थीं, जिनमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री जुगल किशोर शर्मा, पाडर प्रशासन के अधिकारी भी मचैल माता के मंदिर में पहुंचे और मां चंडी के दर्शन किए।