दाह संस्कार के लिए सरकारी डिपो पर लकड़ी का अभाव
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : देविका श्मशान घाट पर दाह संस्कार के लिए सरकारी डिपो पर पय
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : देविका श्मशान घाट पर दाह संस्कार के लिए सरकारी डिपो पर पर्याप्त लकड़ी न मिलने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब श्मशान घाट के पास दो निजी आरों पर लकड़ी उपलब्ध होती है तो लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं आती मगर जब इन में कोई एक या दोनों आरे बंद होते हैं तो लोगों को लकड़ी नहीं मिलती।
पावन देविका तट पर बने श्मशान घाटों पर दाह संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग का सरकारी डिपो बनाया गया था। लोगों को अंतिम संस्कार के लिए यहीं से लकड़ी मिल जाती थी मगर शुरू से लेकर आज तक इस सरकारी डिपो पर कटाई के लिए न तो कई आरा स्थापित किया गया, न ही लकड़ी काटने के लिए कोई मशीन दी गई। आज भी इस सरकारी डिपो पर मजदूर कुल्हाड़ी और छेनी हथौड़ों से लकड़ी काटते हैं। जिस दिन कम संस्कार हों तब तो कोई बात नहीं मगर जब ज्यादा शवों का दाह संस्कार होता है, तब लोगों को लकड़ी की किल्लत होती है। मजबूरन लोगों को इंतजार करना पड़ता है या वहां से कुछ दूरी पर स्थित दो निजी आरों से लकड़ी लानी पड़ती है। जब भी निजी आरों पर लकड़ी खत्म हो जाती है तो लोगों को डालने के लिए लकड़ी नहीं मिलती। दो दिन पहले भी कई लोगों के दाह संस्कार की वजह से लोगों को लकड़ी के लिए परेशान होना पड़ता है।
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मिला है सवा ट्रक, लगते हैं चार
देविका में सरकारी डिपो पर हर महीने औसतन चार ट्रक लकड़ी की खपत होती है। डिपो के कर्मचारियों व स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले यह डिपो वन विभाग के अधीन था मगर मार्च से स्टेट फॉरेस्ट कार्पोरेशन के अधीन हो गया है। तब से लकड़ी को लेकर परेशानी बढ़ गई है। बताया गया कि हर महीने देविका में संस्कार और लकड़ी लेने वाले बड़ी संख्या में लोग आते हैं। हर महीने करीब-करीब चार ट्रक लकड़ी लगती है, मगर इसकी तुलना में महज सवा ट्रक लकड़ी उपलब्ध होती है। मार्च 2018 से लेकर अब तक डिपो पर महज 10 ट्रक लकड़ी के आए हैं जबकि खपत 40 ट्रकों की हुई है। अभी लकड़ी उपलब्ध न होने की वजह से करीब 10 दिनों से अधिक समय तक डिपो बंद रहा।
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निजी स्तर पर लकड़ी का प्रबंध कर चला रहे डिपो
सरकारी स्तर पर लकड़ी की पर्याप्त सप्लाई न होने से हर महीने लकड़ी कम पड़ जाती है। इससे लोग डिपो पर मौजूद कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाते हैं। वहीं संस्कार में आए लोगों को लकड़ी उपलब्ध करवाने के लिए निजी स्तर पर डिपो प्रबंधक ठेकेदार से लकड़ी मंगवा कर लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं मगर ठेकेदार से मिलने वाली लकड़ी जहां महंगे भाव पर पड़ती है। वहीं वजन की व्यवस्था न होने से भाव भी कभी कम तो कभी ज्यादा लिए जाते हैं।
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-देविका श्मशान घाट में स्थित डिपो पर लकड़ी उपलब्ध करना स्टेट फॉरेस्ट कॉरपोरेशन का दायित्व है। लोगों को जरूरत के मुताबिक संस्कार के लिए लकड़ी क्यों नहीं मिल रही है इसे लेकर वह ऊधमपुर में विभाग के डीएम से बात करेंगी। लकड़ी की कटाई करवाना कार्पोरेशन के अधिकार में नहीं है। फिर भी लोगों की इस समस्या को हल करने के लिए जो भी उचित होंगे वह कदम उठाए जाएंगे।
ज्योत्सना सरकार, जीएम स्टेट फॉरेस्ट कॉर्पोरेशन,