अतिक्रमण के खिलाफ नगर परिषद की कार्रवाई बेअसर
जागरण संवाददाता ऊधमपुर करवाचौथ के बाद नगर परिषद ने शहर में अतिक्रमण विरोधी अभियान
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : करवाचौथ के बाद नगर परिषद ने शहर में अतिक्रमण विरोधी अभियान तो चलाया। पहले दिन की कार्रवाई के बाद कुछ असर नजर आया, मगर उसके बाद नप जैसी कार्रवाई कर रही है, वह ऊंट के मुंह में जीरा है। इससे शहर में न केवल चार पहिया, बल्कि माल ढुलाई में प्रयोग होने वाली तीन पहिया रेहड़ियां भी पहले की तरह लगी हुई हैं। विरोध प्रदर्शन के बाद नप की कार्रवाई ढीली पढ़ने से दुकानदारों के हौसले और भी बढ़ गए हैं। उन्होंने पूरे गोल मार्केट क्षेत्र में लोगों के चलने के लिए बने फुटपाथों पर अतिक्रमण कर उसे लोगों के चलने लायक नहीं छोड़ा है। त्योहारी सीजन में अधिक भीड़ के साथ भारी अतिक्रमण से लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं।
ऊधमपुर शहर में अवैध रेहड़ियों व दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण लोगों की परेशानी का सबब बना है। पिछले कई साल में नगर परिषद इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए कई बार कार्रवाई कर चुकी है, लेकिन आज तक नप की कार्रवाई कभी परवान भी नहीं चढ़ सकी। जब भी नप कार्रवाई करती है तो उसका विरोध शुरू हो जाता है। इसके बाद नप की कार्रवाई सुस्त होती चली जाती है और अंत में दम तोड़ देती है।
इस माह के शुरू में नगर परिषद के हाउस की बैठक हुई, जिसमें तीन पहिया रेहड़ियों में सामान बेचने वालों पर कार्रवाई करने का फैसला लेने के बावजूद कार्रवाई न होने का मुद्दा उठा था। इसके साथ ही फैसला लिया गया कि शहर में अवैध रेहड़ी वालों पर कार्रवाई की जाएगी। त्योहारी सीजन के चलते करवाचौथ तक की मोहलत दी गई। अगले दिन नप की टीम पार्षदों और अध्यक्ष व सीईओ तथा पुलिस के साथ कार्रवाई के लिए निकली, मगर इस कार्रवाई का रेहड़ी वालों से लेकर दुकानदारों ने विरोध किया। यहां तक कि नप की टीम का घेराव कर बहसबाजी और धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई। बाद में एसएचओ ने मौके पर पहुंच कर मामला शांत किया। इसके बाद कार्रवाई भी रुक गई।
अगले दिन भी नगर परिषद ने कार्रवाई तो की, मगर दूसरे दिन अपनी कार्रवाई का दायरा रेहड़ी-फड़ी वालों तक ही सीमित रखा। जबकि दुकानदारों को सामान अंदर रखने की चेतावनी ही दी। इससे लग रहा है कि नप की कार्रवाई की धार इस बार भी कुंद ही रहेगी और हमेशा की तरह रेहड़ी और फड़ी वालों तक ही सीमित रह कर अंत में सिमट जाएगी। दिखता नहीं या देखना नहीं चाहते गोल मार्केट में हुआ अतिक्रमण
पिछले करीब एक दशक से अधिक समय से नगर परिषद ने अतिक्रमण हटाने को असंख्य बार अभियान चलाकर कार्रवाई की, मगर आज तक शहर के प्रमुख बाजार गोल मार्केट में दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटा नहीं सके। आलम यह कि गोल मार्केट में दुकानों के बाहर लोगों के चलने के लिए बनाए गए लगभग सारे के सारे फुटपाथ पर दुकानदारों ने अपना कब्जा कर रखा है। गोल मार्केट के बीच पार्क के चारों तरफ बनी दुकानों की गैलरियों में अतिक्रमण कर अवैध कब्जे कर दुकानदार निजी संपत्ति की तरह प्रयोग कर रहे हैं, मगर गोल मार्केट में इस तरह से अतिक्रमण करने वालों पर नगर परिषद आज तक कार्रवाई कर इस अतिक्रमण को पूरी तरह से हटाने में हमेशा ही नाकाम रही है। कुछ एक बार कार्रवाई की गई, मगर फिर कुछ दिनों बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। इससे फुटपाथ होते हुए भी लोग सड़क पर चलने के लिए मजबूर हैं। लोगों को परेशानी तो होती ही है, सड़क पर चलने वाले वाहनों से हादसों का शिकार होने का खतरा भी लगातार बना रहता है। कार्रवाई के बावजूद पहले की तरह लगी हैं अवैध रेहड़ियां-फड़ियां
नगर परिषद ने शहर में अवैध रेहड़ी-फड़ी और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ शुक्रवार को जो कार्रवाई की, उसका असर केवल शुक्रवार को ही देखने को मिला। रविवार को बाजार में अतिक्रमण की हालत पहले जैसी ही नजर आई। दुकानों के काफी बाहर तक सामान लगा नजर आया। जबकि सामान बेचने के लिए प्रतिबंधित होने के बावजूद माल ढुलाई वाली तीन पहिया रेहड़ी में फल, सब्जी व अन्य चीजें बिकती नजर आई। इंदिरा चौक के पास बनी पार्किंग के बाहर बड़ी संख्या में चार पहिया वाली रेहड़ियां और फड़ियां अवैध रूप से लगी रहीं।
नगर परिषद की कार्रवाई हमेशा गरीब रेहड़ी वालों तक ही सीमित रही है। जब नगर परिषद बनी थी, तब 550 लाइसेंस जारी किए गए थे। मगर इसके बाद तीन साल से अधिक समय तक लाइसेंस रिन्यू न कराने वालों के लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जा रहे। इसी तरह कई रेहड़ी वालों की मौत के बाद उनके लाइसेंस भी उनके परिवार के लोगों को स्थानांतरित नहीं किए जा रहे। 13 साल में आबादी के साथ वाहनों की संख्या बढ़ी है, मगर शहर का कोई विस्तार और विकास नहीं हुआ, जो समस्या की मूल वजह है। गोल मार्केट में 8 फीट की दुकान आज 16 फीट की हो गई है। दुकानों के नीचे भूमिगत दुकानें बन गई हैं। गैलरियों और फुटपाथों पर कब्जे हो गए हैं। इन पर कार्रवाई करने की हिम्मत नगर परिषद ने कभी नहीं दिखाई।
- यशपाल, अध्यक्ष रेहड़ी-फड़ी यूनियन नगर परिषद ने अतिक्रमण के खिलाफ अपनी कार्रवाई शुरू की है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। शुक्रवार को रेहड़ी व फड़ी वालों के साथ दुकानदारों पर भी कार्रवाई की। शनिवार को बिना लाइसेंस के दर्जनभर रेहड़ी वालों की रेहड़ियां जब्त की गई। कुछ दुकानों पर भी कार्रवाई की। दुकानदारों ने अपना सामान पहले की तुलना में पीछे लगाया है, लेकिन अभी यह सामान और पीछे दुकानों तक करवाने की जरूरत है। त्योहारी सीजन की वजह से नगर परिषद अधिक सख्ती से अभियान नहीं चला रही। केवल समस्या की वजह बनने वालों पर कार्रवाई कर रही है। सभी दुकानदारों को दुकान की सीमा तक ही सामान लगाने की अपील व हिदायत की जा रही है। नप की टीम को अत्यधिक अतिक्रमण करने वालों की फोटोग्राफी करने को कहा गया है। भैयादूज को त्योहारी सीजन समाप्त होते ही नगर परिषद अपनी कार्रवाई तेज करेगी।
- डॉ. जोगेश्वर गुप्ता, अध्यक्ष नगर परिषद, ऊधमपुर गोल मार्केट हो या कोई हिस्सा शहर में अतिक्रमण की मुख्य वजह अवैध रेहड़ी-फड़ी है। लाइसेंस 350 और रेहड़ियां दो हजार। ऊपर से अवैध रेहड़ियों पर सुई से लेकर बड़े सामान और रेडीमेड कपड़ों तक की बिक्री हो रही है। दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर तक सामान डिस्पले करने को मजबूर हैं। कई-कई रेहड़ी वालों खुद कई रेहड़ियां लगवा रहे हैं। इसके अलावा नगर परिषद के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते अतिक्रमण विरोधी अभियान की सूचना पहले ही अवैध रेहड़ियां लगाने वालों को लग जाती है। जिस वजह से जिस दिन कार्रवाई होती है, उस दिन लगभग सभी रेहड़ियां गायब हो जाती हैं। नगर परिषद अवैध रेहड़ी-फड़ी वालों पर अंकुश लगाए। जिसके बाद दुकानदार खुद अतिक्रमण करना बंद कर देंगे। क्योंकि टैक्स से लेकर जुर्माने तक दुकानदार भरते हैं। दुकानों में बिकने वाला हर सामान रेहड़ी व फड़ी पर भी बिकता है, जिससे दुकानदारों का काम बुरी तरह से प्रभावित होता है। शुक्रवार को की गई कार्रवाई में भी नप ने कई बड़ी दुकानों पर कार्रवाई कर सामान जब्त किया।
- जितेंद्र बरमानी, अध्यक्ष व्यापार मंडल, ऊधमपुर