गांव सेसर मंजला में अस्पताल को उपचार की जरूरत
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : तहसील रामनगर में पड़ते गांव सेर मंजला में नौ वर्ष
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : तहसील रामनगर में पड़ते गांव सेर मंजला में नौ वर्ष से अस्पताल का काम अधर लटका है। स्थानीय निवासी जगत राम, चरण दास, ब्रहम दत्त, गौतम, शौकू राम आदि का कहना था कि वर्ष 2009 में अस्पताल का काम शुरू हुआ था लेकिन आज तक यह काम पूरा नहीं हुआ है। लोग कई बार प्रशासन व अधिकारियों को अवगत करवा चुके है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। लोगों का कहना था कि अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा न होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसका खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल का निर्माण पूरा न होने के कारण स्थानीय लोगों व आसपास के क्षेत्रों के लोगों को रामनगर अस्पताल जाना पड़ता है। हालांकि प्राइमरी हेल्थ सेंटर को एक वर्ष तक स्कूल की इमारत में भी चलाया गया। मौजूदा समय में हेल्थ सेंटर को निर्माणाधीन अस्पताल की इमारत में शिफ्ट कर दिया गया है। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इमारत का निर्माण को पूरा किया जाए। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में जो डिस्पेंसरी चल रही है उसमें स्टाफ की भारी किल्लत है। मात्र दो कर्मचारियों के सहारे ही डिस्पेंसरी चल रही है। जिसके चलते लोगों को ऊधमपुर व जम्मू के अस्पताल की ओर जाना पड़ रहा है।
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निर्माण में आड़े आ रही है फंड की कमी
सीएमओ ऊधमपुर डॉ. केसी डोगरा का कहना है कि जब इस अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो उस समय लोक निर्माण विभाग को अनुमानित मूल्य का भुगतान कर दिया गया था। निर्माण कार्य में हो रही देरी के चलते निर्माण लागत मूल्य में बढ़ोतरी हो गई। अब निर्माण एजेंसी बढ़े हुए मूल्य को देने की मांग कर रही है। यह स्वास्थ्य निदेशालय के अधीन है। उम्मीद है जल्द ही निर्माण एजेंसी को पैसा मिल जाएगा और अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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स्थानीय निवासी मदन लाल का कहना है कि उन्होंने अस्पताल के निर्माण में हो रही देरी संबंधी जानकारी विधायक को दी है। आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिल रहा। स्थानीय लोगों ने अब राज्यपाल सत्यपाल मलिक से गुहार लगाई है कि वह उनकी इस दिक्कत का हल निकाले।
- मदनलाल
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मरीजों को लेकर छह किलोमीटर पैदल चलने के बाद ऊधमपुर जिला अस्पताल में लाना पड़ रहा है। यदि उनके स्थानीय गांव में बना अस्पताल आज अपने मूल स्वरूप में होता तो उनकी दिक्कतें कुछ कम हो जाती।
-ब्रह्मादत्त सेर मंजला गांव में स्थानीय लोगों के लिए मूलभूत सुविधाएं देने में सरकार आजादी के सात दशकों बाद भी सफल नहीं हो पाई है। न तो यहां सड़क है और न ही बिजली पानी स्वास्थ्य सेवाएं, जो एक व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। वह तक उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि स्थानीय लोगों को गांव से शहरों का रुख करना पड़ रहा है।
-चरणदास