कश्मीर के साथ लगती सीमाओं पर सुरक्षाबलों की चौकन्नी निगाह
संवाद सहयोगी किश्तवाड़ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में रविवार को चल रहे एनकाउंटर
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ :
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में रविवार को चल रहे एनकाउंटर और सर्च ऑपरेशन के चलते अनंतनाग, कोकरनाग इलाके में छिपे आतंकी अब बौखला गए हैं। वे वहां से अपनी जान बचाने के चक्कर में ऐसे ठिकाने ढूंढ रहे हैं, जहां पर सुरक्षाबलों की पहुंच से दूर रहें। इसी बात को लेकर जम्मू संभाग के जिला किश्तवाड़ में भी सुरक्षाबलों ने चौकसी बढ़ा ली है, ताकि अनंतनाग जिले से भागने के बाद आतंकी किश्तवाड़ इलाके की तरफ रुख न करें।
अनंतनाग जिले के कोकरनाग, वायलु से होते हुए मरगन टॉप के रास्ते बाड़वन और मड़वा में दाखिल हुआ जा सकता है और संथन टॉप के रास्ते भी तहसील छात्रु आया जा सकता है। इसी के चलते मरगन टॉप और संथन मैदान में सुरक्षाबलों ने पूरा इलाका सील कर दिया है और चौकसी बढ़ा दी है, ताकि किसी भी किस्म की कोई हरकत होने पर उससे निपटा जा सके। पिछले कई दिनों से दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों का दबाव बढ़ता जा रहा है और कई जगहों पर आतंकियों को दबोचने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। जिसके चलते जिला अनंतनाग व कुलगाम में छिपे हुए आतंकवादी अब बौखला गए हैं। अब उन्हें यह डर सता रहा है कि सुरक्षाबल उन्हें कभी भी ढेर कर देंगे। इसलिए वे वहां से भागने की फिराक में हैं, ताकि किसी ऐसी जगह पर पहुंचा जाए, जहां पर सुरक्षाबल उन्हें दबोच न पाएं। अभी ऊपरी पहाड़ों पर गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लोग अपने माल मवेशी लेकर पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में गर्मियों के दिन में आतंकवादियों के छिपने का सबसे बड़ा जरिया माना जाता है। क्योंकि आतंकवादी बंदूक के बल पर गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लोगों से खाने पीने की मदद भी लेते हैं और छिपने की मदद भी मिल जाती है। ऐसे मे किश्तवाड़ जिले में सुरक्षाबलों ने इतनी चौकसी बढ़ा दी है कि बाहर से कोई परिदा भी जिले के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता।