जीएसटी रिटर्न भरने में लेट फीस माफ करना सराहनीय, मगर और छूट की दरकार
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : लॉकडाउन की वजह से कारोबार और कारोबारी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। ऐसे मे
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : लॉकडाउन की वजह से कारोबार और कारोबारी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। ऐसे में जीएसटी काउंसिल द्वारा जीएसटी रिटर्न देरी से भरने पर लेट फीस में दी गई छूट को चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) वर्ग ने सराहा है। उन्होंने इस छूट का लाभ पहले से लेट फीस के साथ रिटर्न भर चुके टैक्सदाता कारोबारियों को भी देने की मांग की है। साथ ही सीए वर्ग ने जम्मू कश्मीर और लेह केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जीएसटी ऑडिट फाइल करने की तारीख बढ़ाने सहित अन्य कई मांग की है।
जीएसटी काउंसिल की 12 जून को हुई 40वीं बैठक में एक जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक देरी से जीएसटी रिटर्न भरने पर लेट फीस माफ करने का ऐलान किया गया है। करदाता को इस योजना के तहत छूट का लाभ तभी मिलेगा, जब वह जुलाई 2020 से लेकर सितंबर 2020 तक की अवधि के बीच अपनी सभी पुरानी रिटर्न फाइल करेगा। कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में वित्त मंत्रालय का सराहनीय व अच्छा कदम है, मगर इस छूट का लाभ लेट फीस के साथ जीएसटी का भुगतान कर चुके कारोबारियों को भी मिलना चाहिए। उन्हें लेट फीस रिफंड की जानी चाहिए। फरवरी, मार्च और अप्रैल के लिए भरी जाने जीएसटीआर 3बी के साथ जीएसटीआर-1 को भरने की तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर की जानी चाहिए।
- विशाल थापा, चार्टर्ड अकाउंटेंट सरकार को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जीएसटी-9, 9सी (ऑडिट) रिपोर्ट फाइल करने की तारीख को बढ़ाना चाहिए। विशेष रूप से जम्मू कश्मीर और लेह केंद्र शासित प्रदेशों के लिए। क्योंकि इस क्षेत्र के लोग मई 2019 से लगातार इंटरनेट सेवा से वंचित रहे हैं। अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने की वजह से पहले इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद रही। आज भी दोनों जगहों पर केवल 2जी इंटरनेट सेवा ही चल रही है। जबकि ब्रॉडबैंड की सेवा भी सीमित लोगों के पास ही उपलब्ध है।
- सौरव शर्मा, चार्टड अकाउंटेंट कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन की वजह से सभी चार्टर्ड अकाउंटेंटों और टैक्स प्रोफेशनल के दफ्तर भी बंद थे। ऐसे में जीएसटी का भुगतान करने वाले पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले करदाताओं को जीएसटी रिटर्न भरने में देरी की वजह से लगने वाले ब्याज को माफ कर कारोबारियों को राहत दी जानी चाहिए। जीएसटी काउंसिल ने रद किए गए जीएसटी नंबर को फिर से एक्टिव करने के लिए आवेदन करने की सुविधा देकर अच्छा फैसला लिया है। इससे कारोबारियों को फायदा मिलेगा।
- अनिल वर्मा, चार्टर्ड अकाउंटेंट कोरोना महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट में पड़ गई है। सभी आर्थिक गतिविधियां तीन माह से ज्यादा समय के लिए ठप रहीं। स्थिति अभी भी लगातार खराब हो रही है, बाजार खुल रहे हैं, लेकिन कारोबार न के बराबर है। ऐसे हालातों में वित्त वर्ष 2021 तक जीएसटी पर हर तरह के ब्याज, लेटफीस, जुर्माने लगाने की बजाए सरकार को कारोबारियों को राहत देने के लिए इन सभी को माफ कर देना चाहिए।
- निखिल अबरोल, चार्टर्ड अकाउंटेंट