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दोनों कंपनियों पर 50-50 हजार जुर्माना

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ जिला प्रशासन ने मचैल यात्रा के साथ-साथ हुद माता यात्रा के लिए भी

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 01:13 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 01:13 AM (IST)
दोनों कंपनियों पर 50-50 हजार जुर्माना
दोनों कंपनियों पर 50-50 हजार जुर्माना

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ जिला प्रशासन ने मचैल यात्रा के साथ-साथ हुद माता यात्रा के लिए भी हेलीकॉप्टर के टेंडर करवाए थे, जिसके लिए दो कंपनियों ने टेंडर भरा था। कंपनियों ने 18 से 23 जुलाई तक हुद माता यात्रा में भी हेलीकॉप्टर चलाने का काम लिया था, लेकिन 18 और 19 जुलाई को हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचने पर डीसी किश्तवाड़ ने हेरिटेज एविएशन और पवन हंस कंपनी को वीरवार की रात 50 50 हजार रुपये का जुर्माना किया। उसके बाद शुक्रवार को दोनों कंपनियों ने अपना एक-एक हेलीकॉप्टर किश्तवाड़ में भेज दिया।

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हेलीकॉप्टर पहुंचने पर किश्तवाड़ के डीसी अंग्रेज सिंह राणा सुबह अपने परिवार के साथ हेलीपैड पर पहुंच गए और हेरिटेज कंपनी के हेलीकॉप्टर ने डीसी को बिठाकर उड़ान भरी तथा उन्हें कैकूट छोड़ कर वापस आ गया। उसके कुछ ही समय बाद एसएसपी अबरार अहमद चौधरी व पूर्व मंत्री सुनील शर्मा भी हेलीपैड पर पहुंच गए, लेकिन कंपनी वालों ने उन्हें कहा कि पहले हम अपना स्टॉफ वहा पर पहुंचाएंगे, उसके बाद आपको भी ले जाया जाएगा। ऐसे में पूर्व मंत्री व एसएसपी दोनों वहा से एसएसपी ऑफिस में आ गए और इंतजार करने लगे। इसके साथ ही तमाम लोग वहा पर अपनी बारी आने का इंतजार करने लगे, लेकिन दोनों कंपनियों की अंदर की बात बाहर नहीं निकल पाई। दोपहर एक बजे के करीब पवन हंस कंपनी के हेलीकॉप्टर ने भी अपने स्टाफ को लेकर उड़ान भरी और कुछ समय बाद वापस आकर यह कहा कि कैकूट में हेलीकॉप्टर उतरने का हेलीपैड ठीक नहीं है, ऐसे में वहा पर हेलीकॉप्टर उतारना खतरे से खाली नहीं है और जिन लोगों ने हुद माता जाने के लिए टिकट लिए थे उनके पैसे वापस कर दिए। ऐसे में लोगों ने काफी शोर मचाया, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं था और चुपचाप वहा से चले गए।

इस बारे में जब पवन हंस कंपनी के कर्ताधर्ता राजीव अग्निहोत्री से पूछा गया तो उन्होंने कोई सही जवाब न देते हुए यह कहा कि हुद माता यात्रा में हेलीकॉप्टर लैंड करने की जगह नहीं है। इसके चलते हम यहा से उड़ान नहीं भर सकते। असल में देखा जाए तो हेलीपैड बनाना कंपनी का ही काम था पर उन्होंने इसका ठिकरा जिला प्रशासन पर डाल दिया।

जानकारी के मुताबिक असल में दोनों कंपनियों को डीजीसीए की इजाजत नहीं मिली है, क्योंकि नियमों के अनुसार पहले डीजीसीए की टीम हेलीपैड का दौरा करती है और उसके बाद हेलीकॉप्टर चलाने की इजाजत दी जाती है। अब कंपनी वाले कह रहे हैं कि हमने जो एक एक चक्कर लगाया है वह ट्रॉयल के लिए लगाया है, लेकिन अगर कंपनी ने ट्रॉयल किया तो उसमें डीसी को क्यों ले गए। अगर कोई हादसा हो जाता तो उसकी जवाबदेह किसकी होती।

इस बारे में एसएसपी किश्तवाड़ अबरार अहमद चौधरी का कहना था कि पहले तो कंपनी वाले यहा आने के लिए राजी नहीं थे, लेकिन वीरवार रात को जब हमने उनको यह कहा कि अगर आप सुबह तक नहीं पहुंचते तो आपका टेंडर कैंसिल कर दिया जाएगा और आपको जुर्माना भी किया गया है। इससे ज्यादा भी कार्रवाई हो सकती है। उसी के चलते शुक्रवार को दोनों कंपनियों ने अपने हेलीकॉप्टर यहा पर लाए, लेकिन उसके बाद उड़ान नहीं भरी। डीसी वहा से पैदल चलकर आ रहे हैं। जैसे ही वह किश्तवाड़ में पहुंचेंगे तो दोनों कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी।


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