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अस्थायी कर्मियों की हड़ताल से 50 फीसद ही हो सकी जलापूर्ति, लोग परेशान

जागरण संवाददाता ऊधमपुर जलशक्ति विभाग के अस्थायी कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को पांचवे

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:36 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:36 AM (IST)
अस्थायी कर्मियों की हड़ताल से 50 फीसद ही हो सकी जलापूर्ति, लोग परेशान
अस्थायी कर्मियों की हड़ताल से 50 फीसद ही हो सकी जलापूर्ति, लोग परेशान

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर :

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जलशक्ति विभाग के अस्थायी कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रही। हड़ताल के दिन बढ़ने के साथ आम लोगों की पानी के लिए परेशानी बढ़ गई है। वहीं, शहर में पानी के लिए हाहाकार मचने से रोकने में जुटे विभाग के स्थायी कर्मचारियों पर काम का बोझ दो गुना बढ़ गया है। विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले में पांचवें दिन भी 50 फीसद क्षेत्रों में पानी सप्लाई हो सकी।

बीते शुक्रवार से 60 माह के बकाया वेतन, नियमित करने तथा अन्य लंबित मांगों को लेकर जलशक्ति विभाग के अस्थायी कर्मचारी कामछोड़ पर हड़ताल पर हैं। शुक्रवार रात को कर्मचारियों ने 72 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया था, मगर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आने से भड़के अस्थायी कर्मचारियों ने सोमवार रात को 72 घंटे की अवधि पूरा होने के साथ ही अगले 72 घंटो के लिए बढ़ा दिया। यह जलशक्ति विभाग के लिए ही नहीं आम लोगों के लिए परेशानी भरा था।

जिले में करीब 650 के करीब अस्थायी कर्मचारी हैं, जो जिले में पानी छोड़ने वाले वॉल्व संचालित कर जल वितरण व्यवस्था को संभालते हैं। बुधवार को पांचवें दिन इनके हड़ताल पर होने की वजह से यह काम अब विभाग के 350 स्थायी कर्मचारी संभाल रहे हैं, जिससे स्थायी कर्मचारियों को अपने काम के अलावा दो अन्य अस्थायी कर्मचारियों का काम संभालना पड़ रहा है। ऐसे में स्थायी कर्मचारियों पर काम को दो गुना अधिक बोझ पड़ गया है। इससे पांच दिनों में स्थायी कर्मचारियों की परेशानी के साथ पानी के लिए एक से दूसरी जगह जाने के लिए भाग दौड़ बढ़ गई है।

इसके बावजूद विभाग स्थायी कर्मचारियों की मदद लेकर भी शहरी इलाकों में रोटेशन के आधार पर ही पानी सप्लाई कर पा रहा है। जबकि ग्रामीण इलाकों में विभाग पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से इस काम के लिए गांववासियों की मदद ले तो रहा है, मगर वहां पर भी बहुत ज्यादा पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा। वहीं, ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या के चलते पिछले पांच दिनों से लोग बावलियों, नाडु व प्राकृतिक जल स्त्रोत्रों से पानी ढोकर ला रहे हैं। गांव ही नहीं शहर के आसपास के इलाकों और यहां तक कि शहर के कई हिस्सों में भी लोग पानी की जरूरत को बावलियों और नाडु से पानी लाकर पूरा कर रहे हैं।

वीरवार को अस्थायी कर्मचारियों की हड़ताल का छठा दिन है। तीन दिन की हड़ताल बढ़ाने के बाद हड़ताल की अवधि वीरवार रात को खत्म हो जाएगी। ऐसे में अब देखना होगा कि वीरवार को अस्थायी कर्मचारी अपनी हड़ताल को और आगे बढ़ाते हैं या स्थगित करते हैं। अगर हड़ताल और लंबी खिची तो निश्चित तौर पर यह आम लोगों के लिए नहीं बल्कि विभाग की समस्याओं को और ज्यादा बढ़ाएगा।


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