गेहूं की फसल में दाना न बनने से किसान परेशान
संवाद सहयोगी पौनी इन दिनों गेहूं की फसल की कटाई का काम जोरों पर है। किसान पूरी मेहन
संवाद सहयोगी, पौनी : इन दिनों गेहूं की फसल की कटाई का काम जोरों पर है। किसान पूरी मेहनत से कटाई में व्यस्त हैं लेकिन वह खुश नजर नहीं आ रहे। वजह है समय पर बारिश न होने के कारण गेहूं की फसल में दाना नहीं बनना और
सिचाई के लिए खेतों में पानी नहीं पहुंचना। मंगलवार को बादल छाने से धूप कम खिली जिससे बारिश की संभावना से चिंतित किसान पूरा दिन कटाई में जुटे रहे। किसानों का कहना है था कि जब फसल को पानी की
जरूरत थी तब बारिश नहीं हुई और जब बारिश हुई तब फसलों को पानी की आवश्यता नहीं थी। किसान नेता ओमप्रकाश शर्मा, गजोड़ पंचायत के पूर्व सरपंच मोहम्मद अनवर, त्योट के पूर्व सरपंच सुभाष चंद्र, भांवला के पूर्व सरपंच रछपाल शर्मा, संगड़ के सरपंच भगवान सिंह का कहना है कि फसल बिजाई के समय बारिश नहीं होने पर तहसील में पचास प्रतिशत से भी ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। किसान फसल का बीज बोने के बाद बारिश का इंतजार करते रह गए और जब मार्च महीने में बारिश हुई तो उससे फसल को कोई फायदा नहीं पहुंचा, उल्टा नुकसान हुआ। गांव संगड, फरगल, गजोड़, तलवाड़ा, खरोटी, मगाई त्योट, रोलकियां आदि के किसानों का कहना है कि समय पर बारिश नहीं हो पाने के कारण उनकी फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। इससे फसल में दाना नही बन पाया है। कई किसानों की फसल अब पशुओं का चारा बन कर रह गई है।
मशीन से भी की जा रही कटाई
इन दिनों क्षेत्र में जिन किसानों की फसल बेहतर है उसे कटाने का काम भी जोरों से चल रहा है। किसान कृषि विभाग की तरफ से सब्सिडी पर उपलब्ध कराई गई गेहूं काटने वाली मशीन से भी फसल की कटाई कर रहे हैं।
विभाग ने सब्सिडी पर दी क्रॉप मशीन
कृषि अधिकारी मोहल लाल शर्मा का कहना है कि विभाग की तरफ से पौनी के कुछ किसानों को गेहूं काटने के लिए सब्सिडी पर क्रॉप मशीन उपलब्ध कराई गई है। किसान इस मशीन से घंटे भर में करीब दस से पंद्रह कनाल जमीन में गेहूं की फसल की कटाई कर सकते हैं। इससे किसानों का समय बर्बाद नहीं होगा और फसल कटाई में काफी राहत मिलेगी।
नहीं मिल रहा फसल बीमा का लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्षेत्र के कई किसानों ने अपनी फसलों को बीमा करवाया हुआ है, लेकिन दो बार मक्की की फसल बर्बाद होने व अब गेंहूं की फसल बर्बाद होने पर लोगों को योजना का कोई लाभ नहीं मिला है। क्षेत्र में कई किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नहीं कराने का मन भी बना लिया है।