सावधान ! त्योहारों पर मिलावटी मिठाई कहीं बिगाड़ न दे आपका स्वास्थ्य
जागरण संवाददाता ऊधमपुर रोशनी का पर्व दिवाली में कुछ ही दिन शेष है। दिवाली से पहले ध
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : रोशनी का पर्व दिवाली में कुछ ही दिन शेष है। दिवाली से पहले धनतेरस और बाद में भैया दूज पर्व है। इन त्योहारों पर बाजार में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावट का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि महानगरों की तुलना में ऊधमपुर में खोये और दूध की मांग की ज्यादातर आपूर्ति स्थानीय स्तर पर होने से मिलावट का डर कम होता है, लेकिन इसके बावजूद त्योहारों पर शुद्ध मिठाइयां ही खाने को मिलेंगी, इसकी गारंटी नहीं है।
त्योहारों के शुरू हुए सीजन में बाजारों में हलवाइयों की दुकानों में काउंटरों में रखी विभिन्न प्रकार की रंग बिरंगी और स्वाद वाली मिठाइयां हर किसी को आकर्षित करती हैं। इन मिठाइयों को देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। त्योहारों पर लोग अपने परिजनों, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ पहचान वालों को त्योहारों की शुभकामनाएं देने के लिए स्वादिष्ट मिठाइयां खरीदते हैं। ऐसे में सामान्य दिनों की तुलना में मिठाइयों की मांग कई गुना बढ़ जाती है।
मांग बढ़ने पर मिठाइयों में मिलावट होने की आशंका और घटिया व खराब मिठाइयों की बिक्री की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में बाजार से मिठाइयां खरीदते समय थोड़ी सावधानियां बरतना आवश्यक है। कई लोग घर में ही बनाते हैं मिठाई
त्योहारी सीजन में बाजार में मिठाइयों में मिलावट का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए काफी संख्या में लोग अपने घर पर ही मिठाइयों को बनाने लगे हैं। जिनमें बर्फी, नारियल के लड्डू, बेसन के लड्डू, पंजीरी, दाल का हलवा और पिन्नियां आदि घर में आसानी से बनाते हैं। मगर मिठाइयों में प्रयोग होने वाली सारी सामग्री लोग बाजार से ही खरीदते हैं। ऐसे में मिलावट का खतरा इसमें भी रहता है। बाजार में बिकने वाली मिठाइयों तथा घर में मिठाइयां बनाने के लिए आवश्यक सामग्री दूध और खोए में मिलावट की जांच सरलता से की जा सकती है। त्योहारों पर बढ़ती है खोये की मांग
ऊधमपुर में छोटी-बड़ी हलवाइयों की सभी दुकानों को मिलाकर 100 के करीब दुकानें हैं। सामान्य तौर पर प्रतिदिन तीन क्विंटल तक खोये की मांग रहती है। जबकि त्योहारी सीजन में यह मांग पांच से छह गुना तक बढ़ जाती है। औसतन 15 से 18 क्विंटल प्रतिदिन हो जाती है। वहीं, दूध की मांग भी सामान्य दिनों की तुलना में 15 से 20 फीसद बढ़ जाती है। जबकि पनीर की मांग सामान्य दिनों की तुलना में चार से पांच गुना बढ़ती है। इससे मिलावट की आशंका बढ़ जाती है। महानगरों की तरह ऊधमपुर जिला में खोया, दूध और पनीर में मिलावट का डर नहीं है। क्योंकि यहां हलवाई स्थानीय इलाके में तैयार होने वाले खोया ही प्रयोग करते हैं। वैसे भी त्योहारी सीजन के दौरान ही गुज्जरों के डेरे पहाड़ों से ऊधमपुर जिला के निचले इलाकों में आ जाते हैं। इससे स्थानीय स्तर पर ही खोया, पनीर और दूध पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है। सभी हलवाई पारंपरिक तरीकों को अपना कर दूध, पनीर और खोये की जांच करते हैं।
- पवन जंडियाल, प्रधान हलवाई एसोसिएशन, ऊधमपुर दिवाली पर लोगों को शुद्ध मिठाइयां व चीजें मिलें, इसके लिए त्योहारी सीजन में फूड सेफ्टी विभाग की ओर से जांच व सैंपलिंग की जाती है। इस बार भी यह कार्रवाई जारी है। अभी तक जिले में दूध और दुग्ध उत्पादों के 29 सैंपल लिए जा चुके हैं। यह प्रक्रिया भैया दूज पर्व तक जारी रहेगी। पिछले कई साल से यह प्रक्रिया जारी है, इसमें कई सैंपल फेल होते हैं। मगर दूध और दुग्ध उत्पादों के सैंपल निर्धारित फैट की मात्रा कम होने की वजह से फेल होते हैं। आज तक ऊधमपुर में किसी दूध या दुग्ध उत्पाद में हानिकारक चीजों की मिलावट नहीं पाई गई है।
- एसआर शर्मा, डीओ, फूड सेफ्टी विभाग, ऊधमपुर मिलावट ऐसे पहचानें
किसी मिठाई का रंग ज्यादा गहरा हो तो उसे कभी न खरीदें। गहरे रंग की मिठाइयों में सक्रीन या अन्य रसायनिक चीजें मिले होने का खतरा रहता है। ऐसे पहचानें चांदी के वर्क की शुद्धता
चांदी का वर्क स्वादिष्ट और मिठाइयों को ज्यादा सुंदर और आकर्षक बनाता है। मगर चांदी का वर्क भी नकली और मिलावटी हो सकता है। इसकी शुद्धता को आसानी से परखा जाता है। इसके लिए चांदी के वर्क को उंगलियों में मसल कर देखें। यदि इकट्ठा होकर यह छोटी गोली जैसे बन जाए तो नकली है। असली चांदी का वर्क मसलने पर हाथों में ही मिट कर गायब हो जाता है। ऐसे पहचानें दूध की मिलावट
- दूध में पानी की मिलावट जांच के लिए शीशे या किसी प्लेट पर दूध की कुछ बूंदे डालें। शीशे और प्लेट को हल्का सा टेढ़ा करें। दूध की बूंद ढलान वाली दिशा में जाते समय निशान जितना गाढ़ा होगा, मिलावट उतनी कम होगी और निशान न छोड़े तो मिलावट है।
- दूध सिंथेटिक है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए सिथेटिक दूध को गर्म करें। सिथेटिक दूध का रंग हल्का पीला हो जाता है।
-दूध में कई तरह की मिलावट होती है। मिलावट का पता लगाने के लिए आधा कप दूध लें। जिसमें आधा कप पानी मिलाएं। झाग बने तो तो दूध में डिटर्जेट मिला होने का संकेत है। खोये में मिलावट जांचने का तरीका
- शुद्ध खोया बेहद स्वादिष्ट होता है। दोनों उंगलियों में लेकर मसलें। घुल कर गायब हो जाए और उंगलियों पर चिकनाहट रह जाए। चखने पर उमदा किस्म का स्वाद आए तो यह मिलावट वाला नहीं है।
- घर पर एक सरल जांच के लिए बाजार में आसानी से मिलने वाला फिल्टर आयोडीन लें। खोये पर फिल्टर आयोडीन की 2-3 बूंदे डाल दें। बूंदें डालने वाली जगह पर खोया अगर काला हो जाता है तो यह मिलावटी है।
- खोये को दो उंगलियों के बीच लेकर लगातार मसलें। यदि यह दानेदार लगे या पूरी तरह न घुले तो इसमें मिलावट हो सकती है।
- खोये को चखने पर स्वाद रहित, बकबका या कड़वा स्वाद आए तो यह मिलावटी है।
- थोड़ा सा खोया पानी में उबालें। ठंडा होने पर इसमें टिचर आयोडीन की कुछ बूंदें मिलाएं। अगर रंग नीला हो जाए खोया मिलावटी है।