35 दिन रहने के बाद सनासर से गायब हुए ट्यूलिप के सुंदर फूल, आधिकारिक रूप से संभाग के गार्डन को किया बंद
म्मू कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पत्नीटॉप में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विकसित किया गया संभाग का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन अपने उद्देश्य पूर्ति में सफल रहा है। सनासर में पिछले सप्ताह से ट्यूलिप के फूल खिलना भले ही बंद हो गए हैं।
ऊधमपुर, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पत्नीटॉप में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विकसित किया गया संभाग का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन अपने उद्देश्य पूर्ति में सफल रहा है। सनासर में पिछले सप्ताह से ट्यूलिप के फूल खिलना भले ही बंद हो गए हैं, मगर 35 दिनों तक खुले रहे ट्यूलिप गार्डन को पर्यटकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
इस सीजन में 53 हजार से ज्यादा स्थनीय सहित देशी और विदेशी सैलानियों ने ट्यूलिप गार्डन की खूबसूरती को निहारा। पर्यटकों की यह संख्या पूर्व वर्षों की तुलना में तीन गुणा से भी ज्यादा है।
ट्यूलिप के फूल लगा कर ट्रायल शुरू
उद्यान विभाग ने सनासर और कूद में वर्ष 2016 से ट्यूलिप गार्डन विकसित करने के लिए ट्यूलिप के फूल लगाए। उस समय कूद में 2 कनाल और सनासर में चार कनाल जमीन पर विभिन्न प्रजाति के ट्यूलिप के फूल लगा कर ट्रायल शुरू किया गया। ट्रायल सफल रहने पर केवल कोरोना संकट काल को छोड़ कर दोनों जगह पर हर वर्ष ट्यूलिप लगाए जाते रहे।
जम्मू कश्मीर के जम्मू संभाग में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से इस बार उप राज्यपाल के निर्देशों पर सनासर में संभाग का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन विकसित करने का काम शुरु किया गया। इसके चलते उद्यान विभाग ने सनासर देवदार से घिरे सुंदर घास के मैदान पर झील किनारे पांच एकड़(40 कनाल) भूभाग पर विकसित किया। इस ट्यूलिप गार्डन में 25 विभिन्न प्रजाति की 2.75 लाख ट्यूलिप गांठें (बल्ब) लगाई गई।
आधिकारिक रूप से बंद किया गया ट्यूलिप गार्डन
प्रदेश प्रशासन और उद्यान विभाग का उद्देश्य सनासर ट्यूलिप गार्डन ने पूरा किया है जिसके लिए विकसित किया गया है। इस सीजन में सनासर में ट्यूलिप गार्डन को देखने के लिए 53 से ज्यादा पर्यटक आए हैं। 8 अप्रैल को खोले गए सनासर ट्यूलिप गार्डन में ट्यूलिप के फूल खिलना बंद होने 12 मई को आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया। 35 दिनों तक खुले रहे ट्यूलिप गार्डन को 53 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने देखा।
जिसमें से 21 हजार से ज्यादा पर्यटक देश के विभिन्न राज्यों से आए थे और स्थानीय व जम्मू कश्मीर के 32 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने सनासर ट्यूलिप गार्डन को देखा। इसके अतिरिक्त फ्रांस से आए दो विदेशी पर्यटकों ने भी इसे देखा। वर्ष 2016 के बाद से अब तक पहली बार इतनी अधिक संख्या में सैलानी ट्यूलिप देखने सनासर पहुंचे हैं। इससे पहले सनासर ट्यूलिप गार्डन देखने आने वाले सैलानियों की संख्या 10 से 15 हजार रहती थी।
मौसम की वजह से अधिक समय तक रहे ट्यूलिप
ट्यूलिप के फूलों का खिलना पूरी तरह से मौसम पर निर्भर होता है। इस गार्डन को पहले 20 से 25 मार्च के बीच खोला जाना था। इस दौरान ट्यूलिप के फूल खिलने तो शुरू हो गए, मगर कुछ ही प्रजाति व रंगों के ट्यूलिप खिले थे। इसके बादल, बारिश और बर्फबारी के कारण ट्यूलिप के फूल खिलना बंद हो गए। इसके बाद 5 से 7 अप्रैल में से किसी दिन उद्घाटन प्रस्तावित किया गया।
मगर इस बार भी मौसम बदल गया और फिर से ट्यूलिप का खिलना कम हो गया। मौसम और तापमान में सुधार होने पर ट्यूलिप खुलने पर 8 अप्रैल इसे खोल दिया गया। आम तौर पर एक माह से कम समय के लिए ही ट्यूलिप के फूल रहते हैं। मगर इस बार मौसम की वजह से फूल भी अधिक समय तक रहे।
उधमपुर के असिस्टेंट फ्लोरिकल्चर ऑफिसर अर्जुन सिंह ने बताया कि सनासर में इस बार विकसित किए गए संभाग के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को जम्मू कश्मीर सहित देश के सैलानियों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। फ्रांस से दो विदेशी सैलानी भी आए थे। पूर्व में 10 से 15 सैलानी ही सनासर ट्यूलिप गार्डन आते थे। इस बार रिकॉर्ड 53355 पर्यटक आए। 21150 सैलानी भारत के विभिन्न राज्यों से और 32203 पर्यटक आसपास के इलाकों सहित प्रदेश भर से आए। फ्रांस से भी दो पर्यटक आए थे। प्रतिक्रिया मिलने से उद्यान विभाग काफी उत्साहित है, विभाग अगले वर्ष और भी बेहतर करने के साथ ट्यूलिप की वैरायटी और संख्या दोनों बढ़ाने का प्रयास करेगा।