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मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रोजाना पहुंच रहे 30 से 35 हजार श्रद्धालु

श्रद्धालु तेज धूप होने के बावजूद जयकारे लगाते हुए मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भवन की ओर बढ़ रहे हैं।

By Edited By: Published: Thu, 30 May 2019 09:16 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 12:05 PM (IST)
मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रोजाना पहुंच रहे 30 से 35 हजार श्रद्धालु
मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रोजाना पहुंच रहे 30 से 35 हजार श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, कटड़ा : लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद मां वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है। वर्तमान में रोजाना करीब 30 से 35 हजार श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा पहुंच रहे हैं। बुधवार दोपहर 3.30 बजे तक करीब 14 हजार श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा कर परिजनों के साथ मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रवाना हो चुके थे। श्रद्धालु नए ताराकोट मार्ग पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा स्थापित निशुल्क लंगर में डोगरी भोजन का भी आनंद ले रहे हैं। यह लंगर श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे उपलब्ध है, जिससे इस नए मार्ग पर श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ी है। श्रद्धालु तेज धूप होने के बावजूद जयकारे लगाते हुए मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भवन की ओर बढ़ रहे हैं।

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संस्था के सदस्यों में मनमुटाव का खामियाजा भुगतेंगे मचैल के यात्री

किश्तवाड़: सर्व शक्ति सेवा संस्था के सदस्यों बीच मनमुटाव का खामियाजा मचैल यात्र पर आने वाले श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ेगा। यात्र मार्ग पर जमी बर्फ को अब तक नहीं हटाने का काम शुरू नहीं किया गया है। रास्ते की मरम्मत नहीं की जा रही है। इसके पहले हर साल अब तक तैयारियां शुरू कर दी जाती थीं। इस बार ऐसा नहीं है। संस्था का बैंक खाता सील है, ऐसे में इसकी ओर से कोई काम शुरू नहीं कराया गया है।

आधिकारिक तौर पर यह यात्र 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलती है, लेकिन 25 जुलाई से पहले भी बहुत से यात्री मचैल यानी चंडी माता के दरबार के लिए चल पड़ते हैं। अभी तक इस यात्र का सारा बंदोबस्त सर्व शक्ति सेवा संस्था के पास रहता था। बैसाखी के दिन मंदिर खुलने के बाद संस्था के लोग सक्रिय हो जाते थे। संस्था के सदस्य कार्यक्रम और योजनाओं की रूपरेखा बनाने लगते थे। यात्र मार्ग पर शौचालय और रहने के बंदोबस्त को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो जाता था।

डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज सिंह राणा का कहना है कि यात्र पहले की तरह चलती रहेगी। हालांकि, इस बार प्रशासन अपनी निगरानी में इस यात्र को चलाएगा। इसके लिए एसडीएम पाडर को यात्र का नोडल अफसर बनाया गया है। यात्र के दौरान सभी बंदोबस्त उनकी देखरेख में होंगे। पिछले साल कुछ गड़बड़ी हुई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। उनकी कोशिश है कि पहले मचैल के लोगों के साथ बैठक हो। इसके बाद जम्मू और किश्तवाड़ के लोगों के बीच बैठक कर मामले से सुलझाया जाए। हालांकि, प्रशासन की नजर में है कि कहां पर यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की जाए और कहां शौचालय बनाए जाएं। विभागीय अधिकारियों से चिकित्सा, पानी, बिजली और साफ-सफाई ध्यान रखने के लिए कहा गया है। वह जल्द ही मचैल का दौरा करेंगे और देखेंगे की कहां क्या व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने बताया कि संस्था का मामला उच्च न्यायालय के अधीन है और उसका बैंक खाता भी सील है। अगर हमें पैसे की जरूरत पड़ी तो न्यायालय के जरिए पैसा खर्च करेंगे।

श्रइन बोर्ड के अधीन लाने की मांग: इस यात्र के लिए सभी लोगों की मांग है कि यह स्थान भी श्रइन बोर्ड के अधीन लाया जाए। इससे सारे झंझट खत्म हो जाएंगे। अगर श्रइन बोर्ड उसे अपने अधीन ले लेता है तब भी कुछ समय के लिए बोर्ड को संस्था के लोगों को अपने साथ जोड़ना होगा। अगर प्रशासन इसमें दिलचस्पी दिखाता है तो उसे भी संस्था के लोगों को साथ लेकर पूरे मामले को समझना पड़ेगा। इसके बाद ही यात्रियों को सुविधाएं मिल पाएंगी।

हाईकोर्ट में चल रहा मामला

एक गुट ने उच्च न्यायालय की जम्मू खंडपीठ में अर्जी दायर कर सर्व शक्ति सेवा संस्था पर कई आरोप लगाए हैं। इसमें घोटाले का मामला भी है। कुछ माह पहले उच्च न्यायालय ने डिवीजनल कमिश्नर जम्मू को आदेश दिया था कि संस्था के खर्च का हिसाब किताब मांगा जाए। जब तक इसका कोई फैसला नहीं हो जाता तब तक बैंक खाते भी सील किए जाएं। संस्था के लोगों ने रिपोर्ट डीसी किश्तवाड़ को सौंप दी है, लेकिन अभी तक बैंक खातों के बारे में कोई फैसला नहीं आया है। ऐसे में सुविधाओं का इंतजाम करने में संस्था ने असमर्थता जताई है।

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