पीली हो रही गेहूं की फसल, किसान चिंतित
संवाद सहयोगी पौनी क्षेत्र में इन दिनों किसानों की गेहूं की फसल पीली हो रही है जिससे कि
संवाद सहयोगी, पौनी : क्षेत्र में इन दिनों किसानों की गेहूं की फसल पीली हो रही है, जिससे किसानों को लग रहा है कि कहीं उनकी फसल यलोरस्ट बीमारी की चपेट में न आ गई हो। फसल पीली होने के बाद किसानों को इस बार फसल की पैदावार बेहतर नहीं होने की चिता सता रही है।
रविवार को किसान ओमप्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में किसानों की बैठक सुदीनी में हुई, जिसमें इन दिनों फसल पीली होने को लेकर चर्चा की गई। किसानों का कहना है कि जिन किसानों ने अपने घर में रखे बीज की बिजाई की थी, वह फसल सही है, लेकिन जो बीज कृषि विभाग से लिया गया है, उसमें सारी फसल पीली हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग ने किसानों को सही बीज उपलब्ध कराया होता व समय-समय पर जागरूक किया होता तो आज किसानों को इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
उन्होंने कहा कि किसान फसलों को बचाने के लिए कृषि विभाग के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कुछ दिनों में गेहूं की फसल में सिट्टे लगने शुरू हो जाएंगे, जिसके बाद फसल पक जाएगी और किसान अपनी फसल को बचाने के बजाए अपनी आंखों के सामने नुकसान होता देखने पर मजबूर हो जाएंगे। गांव काना, सुंगल, लैड़, खैरालेड़, भारख, धनुआ, लेतर, भांवला, पुरेआ आदि के किसानों ने विभाग से फसलों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। किसान जो फसल बर्बाद हो चुकी है, उसे तो नहीं बचा पाएंगे, लेकिन बाकी फसल को बचाने के लिए प्रोपिकोमाजोला 0.1 प्रतिशत दवा का छिड़काव करें। यह दवा उनके कार्यालय में उपलब्ध है। किसान जब चाहे इसे 50 फीसद सब्सिडी पर ले सकते हैं।
- रविद्र थपलू, चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर रियासी क्या है यलोरस्ट बीमारी
यलोरस्ट की बीमारी फसल उगने के दो माह बाद फैलती है। फसल पीली होनी शुरू हो जाती है और जब पानी की जरूरत हो तब पानी न मिले तो फसल में यलोरस्ट की बीमारी फैलती है। ऐसे करें बचाव
- जब फसलों को यलोरस्ट की बीमारी लग जाती है तो किसान तुरंत इसकी जानकारी कृषि विभाग को दें।
- विभाग से प्रोपिकोमाजोला 0.1 प्रतिशत दवा लेकर उसे 25 लीटर पानी में मिलाकर एक कनाल जमीन में छिड़काव करें।
- जो फसल इसकी चपेट में आ गई है, उसको तुरंत काट दें, वर्ना बाकी बची फसल भी इसकी चपेट में आ सकती है।