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शहीद कमल किशोर स्मृति द्वार का लोकार्पण

संवाद सहयोगी रियासी रियासी ग्रां मोड़ के शहीद कमल किशोर की याद में बनाए गए स्मृति द्वार

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 08:06 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 08:06 AM (IST)
शहीद कमल किशोर स्मृति द्वार का लोकार्पण
शहीद कमल किशोर स्मृति द्वार का लोकार्पण

संवाद सहयोगी, रियासी : रियासी ग्रां मोड़ के शहीद कमल किशोर की याद में बनाए गए स्मृति द्वार का शुक्रवार को लोकार्पण किया गया। शहीद कमल किशोर अमर रहें और भारत माता की जयघोष के बीच शहीद के परिवार वालों, डिप्टी कमिश्नर इंदु कंबल चिब, एसएसपी रश्मि वजीर, एसटीसी तलवाड़ा के प्रिसिपल अनिल कटोच, आइआरपी के कमांडेंट पीके शर्मा, भारतीय किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री बलवीर कुमार और स्मृति द्वार बनवाने का बीड़ा उठाने वाले समाज सेवक योगराज मैंगी की विशेष उपस्थिति में रियासी जिले के डीडीसी चेयरमैन सर्राफ सिंह नाग ने रिबन काटकर स्मृति द्वार का लोकार्पण किया। इस मौके पर शहीद को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।

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इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर इंदु कंवल चिब ने कहा कि देश और देशवासियों की खातिर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को याद रखना शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। डीडीसी चेयरमैन सर्राफ सिंह नाग ने कहा कि यह स्मृति द्वार आने वाली पीढ़ी को भी शहीद कमल किशोर की शौर्य गाथा सुनाएगा।

इस मौके पर बेटे की शहादत से सिर ऊंचा, लेकिन नम आंखें लिए शहीद की माता गीता देवी और पिता मोहन लाल ने बताया कि बचपन से ही बहादुर व दिलेर कमल किशोर देश के लिए कुछ कर दिखाने को उत्सुक रहते थे। हमेशा आगे बढ़ने मे यकीन रखने वाले कमल किशोर अपनी ड्यूटी के प्रति भी बेहद निष्ठावान थे। उन्होंने कहा कि बेटे को खोने का दुख तो है, लेकिन उनकी शहादत पर नाज भी है। उन्होंने शहीद की याद में स्मृति द्वार बनवाने वाले योगराज मैंगी और उनकी टीम का आभार जताते हुए कहा कि उनके प्रयास से स्मृति द्वार बनने से परिवार वालों को भी सुकून मिला है।

वहीं, योगराज मैंगी ने कहा कि स्मृति द्वार न केवल रियासी की शान बढ़ाएगा, बल्कि औरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा। मैंगी द्वारा शहीद के परिवार वालों व मुख्य मेहमानों को भारत माता की तस्वीर भेंट की गई।

बता दें कि रियासी ग्रां मोड़ के रहने वाले कमल किशोर वर्ष 2008 में पुलिस में भर्ती हुए थे। अपनी बहादुरी की वजह से वह स्पेशल आपरेशन ग्रुप का हिस्सा बन गए और श्रीनगर में लगातार 10 साल अपनी ड्यूटी के दौरान उन्होंने आतंकरोधी अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वर्ष 2018 के 17 अक्टूबर को श्रीनगर में आतंकियों से लोहा लेते वह शहीद हो गए थे। विश्व हिदू परिषद के पूर्व प्रधान एवं समाज सेवक योगराज मैंगी ने शहीद कमल किशोर की याद में रियासी भीमगढ़ किला प्रवेश द्वार के सामने रियासी-जम्मू मुख्य सड़क पर स्मृति द्वार बनवाने का बीड़ा उठाया, जिस पर लगभग साढ़े सात से आठ लाख रुपये आए खर्च में मैंगी के ही कुछ करीबी परिचितों व साथियों का सहयोग रहा। योगराज मैंगी की उपस्थिति व देखरेख में तीन माह तक चला स्मृति द्वार का निर्माण कार्य आठ फरवरी को पूरा कर लिया गया। जिसके बाद 19 फरवरी को स्मृति द्वार का लोकार्पण किया गया।


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