पीएचई के अस्थायी कर्मियों ने बढ़ाई 72 घंटे और हड़ताल
राज्य प्रशासन और पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मचारियों के बीच का टकराव बढ़ता जा रहा है। बकाया वेतन और स्थायी करने की मांग पर अड़े पीएचई के अस्थायी कर्मियों ने अपनी हड़ताल और 72 घंटे बढ़ा दी है।
संवाद सहयोगी, ऊधमपुर : राज्य प्रशासन और पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मचारियों के बीच का टकराव बढ़ता जा रहा है। बकाया वेतन और स्थायी करने की मांग पर अड़े पीएचई के अस्थायी कर्मियों ने अपनी हड़ताल और 72 घंटे बढ़ा दी है। अस्थायी कर्मियों ने चेतावनी दी कि अगर इन 72 घंटों में भी राज्य प्रशासन ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो उनकी हड़ताल जम्मू कश्मीर में विकराल रूप ले लेगी। इसके लिए राज्य प्रशासन और पीएचई विभाग जिम्मेदार होगा। अस्थायी कर्मचारियो की हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या गंभीर होती जा रही है।
हड़ताल पर गए पीएचई कर्मियों के तेवरों को देखकर लगता है कि वे अपनी मांगों को पूरा होने तक संघर्ष जारी रखेंगे। कामछोड़ हड़ताल 17 वें दिन भी जारी रही। अस्थायी कर्मचारियों ने शनिवार को भी अपनी लंबित मांगों को लेकर धार रोड पर स्थित बाडेया पंपिग स्टेशन पर राजेंद्र कुमार व कुलभूषण बट के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें हक नहीं मिल जाता। सरकार हमारा और इम्तिहान न ले। क्योंकि अभी कर्मी शांतिपूर्वक स्टेशनों के अंदर बैठकर अपने हक में आवाज बुलंद कर रहे हैं, लेकिन सरकार व विभाग इस आंदोलन को कमजोर करने के लिए जो षडयंत्र रच रहा है, उसे कामयाब नहीं होने देंगे। सरकार से अपना हक मांग रहे है न कि कोई भीख। अब कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट रहा है। शुक्रवार को महा शिवरात्रि पर्व पर भी उन्हें सरकार की भेदभाव वाली नीति के कारण मंदिरों में न जाकर स्टेशनों पर आकर धरने प्रदर्शन करने पड़े। उन्होंने उपराज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द उनका 54 माह का बकाया वेतन व उनकी लंबित मांगों को पूरा करे। ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण सही ढंग से कर सके। इस मौके पर जिला ऊधमपुर के विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।