दो दिन में दो लाख श्रद्धालुओं ने किए भोले बाबा के दर्शन
महाशिवरात्रि मेले का शुभारंभ होते ही श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। मेले में दो दिनों में शुक्रवार दोपहर तीन बजे तक 176266 श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दर्शन कर लिए थे जबकि सैकड़ों की संख्या में अभी श्रद्धालु रनसू से तीन किमी गुफा तक कतारों में खड़े होकर दर्शन के लिए रवाना हो रहे थे। देर रात तक दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने की उम्मीद है।
जुगल मंगोत्रा, पौनी
महाशिवरात्रि मेले का शुभारंभ होते ही श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। मेले में दो दिनों में शुक्रवार दोपहर तीन बजे तक 176266 श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दर्शन कर लिए थे, जबकि सैकड़ों की संख्या में अभी श्रद्धालु रनसू से तीन किमी गुफा तक कतारों में खड़े होकर दर्शन के लिए रवाना हो रहे थे। देर रात तक दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने की उम्मीद है।
रनसू से लेकर गुफा तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन को कई बार यात्रा रोकनी पड़ी। दोपहर 12 से तीन बजे तक मात्र तीन घंटे में रनसू बाजार से करीब चालीस हजार यात्री गुफा की और रवाना हुए। श्रद्धालु आगे बढ़ने से पहले मार्ग में खूब डोल-नगाड़ों पर नाच गा रहे हैं। गुफा के बाहर भोले बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। रनसू में बाजार से लेकर गुफा तक तीन किमी यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। पुलिस व सीआरपीएफ के जवान हर आने-जाने वाले भक्तों की तलाशी ले रहे हैं। तलाशी के बाद ही उन्हें गुफा की ओर जाने की अनुमति दी जा रही है।
इस मौके पर श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लंगर भी लगाए गए हैं। मेले के आखिरी दिन काफी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। इस दौरान बाजार में श्रद्धालुओं ने खरीदारी भी की।
मेला ऑफिसर ओम प्रकाश व मैनेजर राकेश शर्मा के अनुसार तीन दिवसीय महाशिवरात्रि मेले में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है। जिस तरह से दो दिनों में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आए हैं उसे देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार करीब ढाई लाख श्रद्धालु भोले बाबा के दर्शन करेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कड़े प्रबंध किए गए हैं। श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन को लेकर कोई परेशानी न हो, इसके लिए ड्यूटी पर तैनात हर कर्मचारी भक्तों की पूरी सेवा कर रहा है। मेले के अंतिम दिन रविवार को विशाल दंगल कराया जाएगा, जिसमें देशभर से आए पहलवान अपना दमखम दिखाएंगे। डोगरी भाषा की देन है शिवखोड़ी का नाम
राज्य के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवखोड़ी के नाम पर भी डोगरी भाषा की छाप स्पष्ट देखी जा सकती है। गुफा को डोगरी भाषा में खोड़ी
कहते हैं। जम्मू और उसके आस-पास के क्षेत्रों में डोगरी भाषा का सर्वाधिक प्रयोग होने के कारण इस स्थान का नाम शिवखोड़ी पड़ा। इसका अर्थ है शिव की गुफा। इस गुफा में शिव का निवास स्थान माना जाता है। गुफा के अस्तित्व में आने के बाद से स्थानीय लोगों ने डोगरी भाषा में उसका नाम शिवखोड़ी रख दिया।
बंद रही पुरानी गुफा
श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ के कारण स्थानीय प्रशासन को पुरानी गुफा को बंद करना पडा। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार पुरानी गुफा में दर्शन करने में अधिक समय लगता है, जिसे देख नई गुफा से ही श्रद्धालु दर्शन करने के लिए गुफा के अंदर और बाहर आ रहे थे। शिवरात्रि मेले के बाद श्रद्धालुओं के लिए पुरानी गुफा खोल दी जाएगी।
रंगा रंगारंग कार्यक्रमों को उठाया लुत्फ
शिवखोड़ी श्राइन बोर्ड की तरफ से मेले में रंगारंग कार्यक्रम हुआ। इसमें पर्यटन विभाग की तरफ डोगरी लोक गीतों, कुड नृत्य के अलावा शिव भजनों की प्रस्तुति दी गई। वहीं सूचना एवं प्रसारण विभाग की तरफ से
संगम थियेटर ग्रुप के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मूल कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया।
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रैना ने किए भोले के दर्शन
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविद्र रैना ने भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ रनसू शिवखोड़ी पहुंचकर भोले बाबा के दर्शन किए। उनके साथ पूर्व स्थानीय विधायक अजय नंदा और भाजपा के मंडल प्रधान शमशेर सिंह भी मौजूद थे। रविद्र रैना ने दर्शन के लिए आने जाने वाले श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि पर्व की मुबारकबाद दी।