जिला अस्पताल में एक बेड पर चार-चार बच्चों का इलाज
संवाद सहयोगी ऊधमपुर जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में अव्यवस्था का आलम यह है कि इस गर्मी
संवाद सहयोगी, ऊधमपुर : जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में अव्यवस्था का आलम यह है कि इस गर्मी के मौसम में एक बेड पर चार-चार बीमार बच्चों को एक साथ रखा जा रहा है। कहने को तो जिला अस्पताल में बच्चों के तीन वार्ड हैं, लेकिन एक वार्ड को अस्पताल प्रशासन द्वारा बंद करके ताला लगाया गया है।
जिला अस्पताल होने के कारण पूरे जिले के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग अपने बच्चों का इलाज करवाने के लिए यहां आते हैं। अस्पताल में बच्चों के लिए 12-12 बेड के तीन वार्ड हैं, जिसमें से एक वार्ड बंद पड़ा है। इस समय भीषण गर्मी के चलते बच्चे अधिक बीमार हो रहे हैं, जिसके चलते एक बेड पर चार-चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है। बच्चों के परिजनों ने बताया कि उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक तरफ बच्चे बिलख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बच्चों के परिजन वार्ड में ही नीचे लेट कर अपने बीमार बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। हैरानी की बात है कि इस तरह का सिलसिला पिछले कई दिनों से चल रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन को बच्चों व उनके परिजनों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है।
कई परिजनों का कहना था कि बेड पर जगह की कमी के चलते उन्हें रातभर अपने बीमार बच्चों को गोदी में उठाकर बैठना पड़ रहा है। लोगों का कहना था कि जिला अस्पताल में एक वार्ड और भी है, जिसे ताला लगाकर रखा गया है। जब उन्होंने अस्पताल कर्मियों से पूछा कि वार्ड में ताला क्यों लगाया गया है तो उनका कहना था कि वार्ड की मरम्मत का कार्य होना है। लोगों का कहना था कि जब तक अस्पताल प्रशासन की ओर से वार्ड की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं करवाया जाता, तब तक उसे खोल देना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब वे इस समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन के आला अधिकारियों से बात करते हैं तो उनका एक ही जवाब होता है कि हमारे पास और बेड नहीं हैं। एक वार्ड को जो ताला लगाया गया है, उसकी मरम्मत का कार्य शुरू करवाना है। जिसके चलते वार्ड में ताला लगाकर बंद किया गया है। मेरे पास और जगह नहीं है जिससे एक बेड पर चार बीमार बच्चों को रखना पड़ रहा है। फिर भी मैं देखता हूं कि में इस मामले में क्या हो सकता है।
- डॉ. विजय बसनोत्रा, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट जिला अस्पताल