सख्ती पर ही सुधरेंगे ये लोग
जागरण संवाददाता ऊधमपुर मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने हेलमेट पहन कर वाहन चलाना शुरू कर दिया है, मगर अभी भी 40 फीसद लोग सिर पर हेलमेट पहने बिना दोपहिया वाहन चला रहे हैं। बिना हेलमेट के चलने वालों में युवा, महिलाएं और पुरुष सभी वर्ग के वाहन चालक शामिल हैं। इनको हेलमेट पहनाने में अभी तक यातायात पुलिस विफल रही है।
मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माने लागू हो गए हैं। यातायात पुलिस नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी कर रही है। प्रतिदिन सौ के करीब कंपाउंड और कोर्ट चालान किए जा रहे हैं, जिससे स्थिति में बदलाव तो नजर आने लगा है। बिना हेलमेट पहन कर वाहन चलाने वाले 60 फीसद लोग हेलमेट पहन कर वाहन चलाते नजर आने लगे हैं, मगर 40 फीसद वाहन चालक अभी भी ऐसे हैं, जो हेलमेट पहने बिना ही दोपहिया वाहन चलाते नजर आ रहे हैं।
हालांकि यातायात पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है, मगर शायद बिना हेलमेट पहनने वालों को न तो पुलिस की कार्रवाई से डर लग रहा है और न ही मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव के बाद लागू हुए भारी भरकम जुर्मानों से। ऐसा लगता है जब तक बिना हेलमेट पहने वाहन चालक पुलिस कार्रवाई की जद में नहीं आते और भारी भरकम जुर्माना भुगत नहीं लेते, तब तक वे सिर पर हेलमेट पहन कर चलना शुरू नहीं करेंगे।
पुलिस की सख्ती और भारी भरकम जुर्मानों से बचने के लिए कई वाहन चालक हेलमेट को साथ लेकर चलते तो हैं, मगर सिर पर पहन कर चलने को अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। यह लोग पुलिस नाकों को देख कर फौरन बाजू में फंसाई या दोपहिया वाहन पर लटकाई हेलमेट को सिर पर डाल लेते हैं। पुलिस नाके से गुजरने के बाद यह लोग भी फिर से हेलमेट दोपहिया वाहन पर टांग लेते हैं या फिर बाजू में अटका लेते हैं। वाहन चालकों को यह समझना चाहिए कि हेलमेट चालान से बचने के लिए पहनने के लिए नहीं, बल्कि हादसे से बचाव के लिए पहना जाता है। पीछे बैठी सवारी के लिए भी हेलमेट पहनना है अनिवार्य
बिना हेलमेट पहन कर वाहन चलाने का न्यूनतम जुर्माना 500 रुपये और अधिकतम एक हजार रुपये है। दोपहिया वाहन पर पीछे बैठकर सफर करने के लिए भी हेलमेट पहन कर वाहन चलाना अनिवार्य है। यह जुर्माना पीछे बैठने वाले दूसरे सवारी के बिना हेलमेट होने पर भी लगता है। ट्रिपल राइडिग शहर में आम
शहर में दोपहिया वाहन पर क्षमता से ज्यादा लोगों को बैठा कर ओवरलोडिग करने वालों की कमी नहीं है। दोपहिया वाहन पर ट्रिपल राइडिग करने में सबसे अव्वल युवा हैं। अक्सर कॉलेज और स्कूल या ट्यूशन से लौटते समय दो पहिया वाहन पर तीन से चार युवा बैठ कर गुजरते हैं। लड़कियां भी ट्रिपल राइडिग करती हैं और आम लोग भी इससे कोई परहेज नहीं करते। ज्यादा ओवरलोडिग स्कूल में छुट्टी होने के दौरान नजर आती है। गोद में नहीं होना चाहिए एक से ज्यादा बच्चा
दोपहिया वाहन पर एक से ज्यादा बच्चा होने पर भी चालान हो सकता है। यातायात नियमों के मुताबिक दोपहिया वाहन पर दो ही यात्री पास है। जिसका मतलब है कि दो से ज्यादा लोगों के सवार होने पर कार्रवाई हो सकती है। हालांकि नियम तो दो ही लोगों के सफर करने का है, मगर यातायात पुलिस मानवीय आधार पर दस साल से कम उम्र के एक बच्चे के दोपहिया वाहन पर सवार होने पर कार्रवाई नहीं करती। एक से ज्यादा बच्चे के दोपहिया वाहन पर होने पर वाहन चालक कार्रवाई की जद में आ जाता है और ओवरलोडिग के लिए निर्धारित चालान हो सकता है। नए जुर्माने लागू होने के बाद की जा रही कार्रवाई से काफी फर्क दिख रहा है। पुलिस निरंतर यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए नाके लगा कर नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर रही है। सबसे पहले बिना हेलमेट, ट्रिपल राइडिग व अन्य विजिबन (नजर आने वाले) उल्लंघनों को पकड़ती है। जिसके बाद बाकी की चीजों की जांच करती है। बिना हेलमेट वाले और ट्रिपल राइडिग पर प्राथमिकता से पुलिस नजर रख रही है। नाके लगाकर की जा रही कार्रवाई के अलावा छिपाकर लगाए जाने वाले वीडियो कैमरों से रिकॉर्डिग कर पकड़ में आने वाले यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को चालान के नोटिस भेजे जा रहे हैं। लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जल्द ही पुलिस जागरूक भी करेगी। जिसके तहत स्कूल और कॉलेजों सहित अन्य जगहों पर जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। जागरूकता के साथ यातायात पुलिस जल्द ही बिना हेलमेट और ट्रिपल राइडिग करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए कार्रवाई करेगी।
- हरमोहिद्र सिंह, डीटीआइ ऊधमपुर