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जल शक्ति अभियान के तहत बावलियों की सफाई का लिया प्रण

जागरण संवाददाता ऊधमपुर ऊधमपुर डेवलपमेंट कांउसिल की तरफ से मंगलवार को जल शक्ति अि

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 01:56 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:43 AM (IST)
जल शक्ति अभियान के तहत बावलियों की सफाई का लिया प्रण
जल शक्ति अभियान के तहत बावलियों की सफाई का लिया प्रण

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : ऊधमपुर डेवलपमेंट कांउसिल की तरफ से मंगलवार को जल शक्ति अभियान का आगाज किया गया। इस अभियान के तहत काउंसिल जिला ऊधमपुर की सभी बावलियों को साफ करने के साथ लोगों को इनकी साफ-सफाई रखने को प्रेरित व जागरूक करेगी।

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प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए जल शक्ति अभियान से ऊधमपुर डेवलपमेंट काउंसिल भी जुड़ गई है। जिसके बाद काउंसिल ने ऊधमपुर के गंगेड़ा इलाके से जल शक्ति अभियान के तहत बावलियों की साफ-सफाई का काम शुरू किया। गंगेड़ा के दलाह स्थित गंगेड़ा में स्थित दो प्राचीन व ऐतिहासिल बावलियों की सफाई की। काउंसिल के अध्यक्ष अनिल पाबा की अध्यक्षता में आयोजित इस अभियान का शुभारंभ साहित्यकार डॉ. शिव निर्मोही ने विशेष रूप से शामिल होकर किया। इस अवसर पर उन्होंने बावलियों को मंदिर का ही एक स्वरूप बताते हुए कहा कि बावलियों में जल देव वास करते हैं। इसलिए बावलियों को पवित्र और स्वच्छ रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने बावलियों को दूषित करना देवताओं का अपमान करने के समान बताया। निर्मोही ने कहा कि ऊधमपुर में असंख्य बावलियां स्थित हैं, जिनमें से कई उपेक्षा की वजह से लुप्त हो गई हैं और कई लुप्त होने की कगार पर हैं। उन्होंने काउंसिल द्वारा जल शक्ति अभियान के तहत जिले की बावलियों की सफाई करने के शुरू किए गए कार्य की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों से काउंसिल के अभियान के साथ जुड़कर बावलियों की सफाई और रखरखाव करने के लिए आगे आने को प्रेरित किया।

इस अवसर पर काउंसिल के अध्यक्ष अनिल पाबा ने कहा कि जल शक्ति अभियान के तहत काउंसिल पहले ऊधमपुर क्षेत्र में स्थित सभी बावलियों की सफाई करने का काम करेगी। इसके बाद जिलेभर में स्थित सभी बावलियों की सफाई करेगी। यह काम साप्ताहिक या पखवाड़े स्तर पर किया जाएगा। इसके साथ ही लोगों को बावलियों की सफाई व संरक्षण के लिए भी जागरूक किया जाएगा। लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी जर्जर बावलियों के जीर्णोद्धार का प्रयास भी किया जाएगा। इस अवसर पर काउंसिल के विकास पाधा ने कहा जिन बावलियों का पानी पीने के प्रयोग में नहीं ला जा सकता, उनका सिचाई के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इस अवसर पर भारत पाबा, राकेश पाधा, प्रवेश परिहार व स्थानीय लोगो मौजूद थे।


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