हमें मानव तन प्रभु के भजन के लिए मिला है : शास्त्री
संवाद सहयोगी ऊधमपुर ऊधमपुर के बट्टलबालियां के नृसिंह मंदिर में जारी शिव पुराण कथ
संवाद सहयोगी, ऊधमपुर : ऊधमपुर के बट्टलबालियां के नृसिंह मंदिर में जारी शिव पुराण कथा में शनिवार को आत्मज्ञ संत सुभाष शास्त्री महाराज ने कहा कि क्या आपने यह विचार किया कि प्रभु ने हमें मानव तन क्यों दिया है। परमात्मा ने यह तन हमें रोने के लिए नहीं, मुस्कराने के लिए दिया है। कमाने-खाने के लिए ही नहीं हरि गुण गाने के लिए दिया है। पाप करने के लिए नहीं, पाप-पुण्य से ऊपर उठकर पर से परे, पारब्रह्मा की खोज करने के लिए दिया है।
शास्त्री ने कहा कि पारब्रह्मा को खोजने वाला इंसान ही भाग्यवान है। धन बटोरने वाला धनवान हो सकता है, इस संसार में धनवान बहुत हैं, परंतु भाग्यवान बहुत कम। भाग्यवान वही है जो सुखी है। जो धन रहते भी दुखी है, उसके लिए तो धन अभिशाप ही है। आपको शांति चाहिए। करोड़ों रुपये खर्च कर देने पर भी शांति नहीं मिलती। वह तो भाग्यवान को ही मिलती है। उन्होंने कहा कि आप आंखें खोल कर संसार को देखते हो, स्वप्न में स्वरचित संसार को आप देखते हो। निद्रावस्था में दोनों का अभाव हो जाता है, फिर आप देखने वाले प्रभु को कब और कहां देखते हो। आपने रूप तो बहुत देखे हैं, पर क्या काफी स्वरूप को भी देखा है। आप एक बार केवल स्वरूप को देख लो तो आपका देखना सफल हो जाए। शास्त्री ने समझाया कि परमात्मा स्वरूप अपनी ही निज आत्मा देखने योग्य है, जिससे सब देखा जाता है।