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एक माह से जंगलों में टीम को छका रहा तेंदुआ

संवाद सहयोगी रियासी वन्य जीव संरक्षण विभाग की तरफ से आदमखोर तेंदुए को मारने के लिए तीस

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 09:43 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 06:51 AM (IST)
एक माह से जंगलों में टीम को छका रहा तेंदुआ
एक माह से जंगलों में टीम को छका रहा तेंदुआ

संवाद सहयोगी, रियासी : वन्य जीव संरक्षण विभाग की तरफ से आदमखोर तेंदुए को मारने के लिए तीसरी बार बढ़ाई गई समयावधि में मात्र दो दिन शेष बच गए हैं। लेकिन वन्य जीव संरक्षण विभाग, वन विभाग, फॉरेस्ट प्रोटक्शन फोर्स और पुलिस की टीमों के अलावा स्थानीय लोग जंगलों की खाक छानते रहे मगर धूर्त आदमखोर तेंदुआ उनके हाथ नहीं आया। आदमखोर तेंदुआ शायद वन विभाग की रणनीति को पहले ही भांप लेता है और टीम की तरफ से बिछाए गए जाल से बच निकलता है। यही वजह है कि करीब एक माह से वन विभाग टीम और स्थानीय लोग अलग-अलग जंगलों में आदमखोर तेंदुए की तलाश कर रहे हैं, लेकिन वह हर दिन देर शाम जंगलों से खाली हाथ ही लौटते रहे हैं। अगर इन 2 दिनों में भी सफलता न मिल पाई तो संबंधित विभाग अगला निर्णय क्या लेगा यह समय ही बताएगा। सरकारी टीमों और स्थानीय लोगों द्वारा रोज की तरह शुक्रवार को भी जंगल में अभियान चलाया गया । लेकिन न तो तेंदुआ किसी पिजरे में फंसा और न ही अभियान में शामिल टीम के हत्थे चढ़ा। गौरतलब है कि माहौर इलाके में मई माह से आदमखोर तेंदुए का आतंक व्याप्त है। तेंदुए ने अभी तक तीन बच्चियों को अपना निवाला बना लिया है जबकि एक बच्ची उसके हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

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पहली बार एक सप्ताह दी गई थी समयावधि

आदमखोर तेंदुए को पकड़ने या मारने के लिए वन्य जीव संरक्षण विभाग द्वारा सबसे पहले 1 सप्ताह की समय अवधि दी गई थी। उसके बाद आदमखोर तेंदुए को मारने के लिए अभियान चलाया गया। इस अभियान में वन्य जीव संरक्षण विभाग, वन विभाग, फॉरेस्ट प्रोटक्शन फोर्स तथा पुलिस के जवानों के अलावा स्थानीय लोग भी शामिल है। इन लोगों ने आदमखोर तेंदुए को पकड़ने या मार गिराने के लिए हरसंभव प्रयास किए लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। वह समय अवधि समाप्त हो जाने के बाद वन्य जीव संरक्षण विभाग द्वारा दूसरी बार एक पखवाड़े की समय अवधि जारी की गई, लेकिन उस अवधि में भी कोई सफलता नहीं मिली। उसके बाद तीसरी बार फिर से एक पखवाड़े की समय अवधि दी गई जो 14 जुलाई को खत्म हो जाएगी। इस अवधि में भी अभी तक सरकारी टीमों और स्थानीय लोगों ने जंगलों की खाक छानने के साथ आदमखोर तेंदुए को पकड़ने या मार गिराने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया। लेकिन कोई भी प्रयास सिरे नहीं चढ़ा।

बारिश से बंधी थी उम्मीद

मानसून सीजन शुरू हो जाने पर जंगल में आदमखोर तेंदुए के पद चिन्ह से उसका पता लगाने की उम्मीद बंधी थी लेकिन अब समय अवधि ज्यादा नहीं बची है। अभियान में शामिल एक अधिकारी ने कहा भले ही अब तक किस्मत आदमखोर तेंदुए के साथ रही हो। लेकिन कोई भरोसा नहीं कि किस्मत कब आदमखोर तेंदुए का साथ छोड़ कर अभियान में शामिल लोगों का साथ दे जाए। समय अवधि में अभी 2 दिन शेष है, फिलहाल अभियान जारी है।


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