सड़कों की मरम्मत करने में जुटे ग्रेफ कर्मचारी
बलवीर सिंह जम्वाल किश्तवाड़ सर्दियों में बारिश और बर्फबारी से गुलाबगढ़ से कैलाड़ सड़क की
बलवीर सिंह जम्वाल, किश्तवाड़
सर्दियों में बारिश और बर्फबारी से गुलाबगढ़ से कैलाड़ सड़क की हालत खस्ता हो गई थी। चूंकि अब मौसम भी साफ हो चुका है, गर्मियां शुरू हो गई हैं, ग्रेफ के कर्मचारी सड़कों की मरम्मत करने में जुटे हुए हैं।
सर्दियों में बर्फबारी के बाद गुलाबगढ़ से कैलाड़ (हिमाचल प्रदेश) जाने वाली सड़क की हालत हर साल खस्ता हो जाती है। कई जगहों पर ग्लेशियर को कहीं पहाड़ों से मलबा गिरता है। हालांकि इस सड़क को साथ ही साथ साफ कर दिया जाता है और वाहनों की आवाजाही तकरीबन चलती रहती है क्योंकि हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा का कैलाड़ इलाका की पूरी आबादी इसी रास्ते पर निर्भर रहती है। कैलाड़ से आगे मनाली का रास्ता फिलहाल लाहौल स्पीति इलाके में सर्दियों में बंद रहता है और जिला चंबा के आधे से ज्यादा आबादी इसी रास्ते से गुलाबगढ़ किश्तवाड़ से होती हुई जम्मू जाती है। जम्मू से जिला हेडक्वार्टर चंबा के लिए लोग जाते हैं। गुलाबगढ़ से लेकर संसारी नाला तक सड़क की जिम्मेदारी 118 आरसीसी ग्रिफ की है और वह इस सड़क को चलाने में मेहनत करती है। सर्दियों में भी ग्रेफ की कई मशीनें सड़क पर लगी रहती हैं। अभी मौसम में थोड़ा सा सुधार हुआ है और ग्रिफ कर्मी इस सड़क पर को साफ करने में जुट गए हैं। हालांकि गुलाबगढ़ से लेकर तैयारी तक इस सड़क पर तारकोल बिछा दिया गया है और तैयारी से लेकर शवाश तक एक विकल्प रास्ते का कार्य भी चल रहा है लेकिन अभी तैयारी से लेकर शवाश तक पुरानी सड़क से ही होकर गुजरना पड़ता है। अधिकारियों का कहना है कि विकल्प सड़क को जल्द से जल्द तैयार किया जा रहा है ताकि लोगों को राहत मिल सके। आगामी दिनों में शुरू होंगी यात्राएं
कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश के मिंधल गांव में यात्राएं जाना शुरू हो जाएंगी जिसका पहला जत्था 25 मई को किश्तवाड़ से होता हुआ तहसील के केलाड़ जिला चंबा के मिधल गांव में जाएगा और उसके बाद यात्रा चलती रहेगी। हजारों की संख्या से लोग इसी सड़क से होकर मिधल माता के दर्शन करने जाएंगे।
आरसीसी के लिए यात्रा होगी चुनौती
118 आरसीसी के लिए आगामी यात्रा एक चुनौती बनी हुई है क्योंकि तैयारी से लेकर शवाश तक जो विकल्प सड़क तैयार की जा रही है उसमें ब्लास्टिग की जाती है और उसका सारा मलबा नीचे पुरानी सड़क पर गिरता है और दिन में कई बार सड़क को बंद करना पड़ता है लेकिन अब यात्रा को मद्देनजर रखते हुए गिरफ्त कर्मियों ने अभी अपने काम को दूसरे तरीके से अंजाम देना शुरू किया है। जितनी देर तक यात्रा चलती रहेगी उस इलाके में काम करेंगे यहां से पत्थर पुरानी सड़क पर ना गिरे।