देविका प्रोजेक्ट के नाम पर ऊधमपुर के लोगों से धोखा : पाबा
जागरण संवाददाता ऊधमपुर देविका को उसका पुराना स्वरूप लौटाने के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : देविका को उसका पुराना स्वरूप लौटाने के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट के नाम पर ऊधमपुर की जनता से धोखा किया गया है। यह देविका के प्रति आस्था रखने वाले लोगों के साथ आस्था के साथ खिलवाड़ है। यह आरोप ऊधमपुर डेवलेपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष अनिल पाबा ने देविका में जारी निर्माण का जायजा लेने के बाद प्रेसवार्ता में लगाए।
पाबा ने कहा कि राष्ट्रीय नदी संरक्षण के तहत बने देविका रिजुविनेशन प्रोजेक्ट के शुरू हुए काम की समीक्षा की गई। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय नदी संरक्षण कार्यक्रम के तहत बने देविका प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इस प्रोजेक्ट को लेकर जहां लोगों में खुशी की लहर की जगह शंका के भाव पैदा हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि जब इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की गई थी तब इसे रिजुवेशन प्रोजेक्ट ऑफ देविका एंड तवी रिवर एट ऊधमपुर के नाम से नेशनल रिवर कंजरवेशन प्लान (एनआरसीपी) स्कीम के तहत तैयार किया था मगर बड़ी चालाकी से प्रोजेक्ट से रिजुवेशन शब्द हटा दिया गया है। पाबा ने प्रोजेक्ट की जांच कराने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने देविका के लिए आए पैसे को देविका पर ही खर्च करने की मांग की। ड्रेनेज और ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अलग से पैसा उपलब्ध कराने को कहा।
केवल 10 करोड़ रुपये ही खर्चे जा रहे
प्रोजेक्ट के लिए मंजूर 186.74 करोड़ रुपये की राशि में केवल 9 से 10 करोड़ रुपये ही देविका पर खर्च की जा रही है। वह भी केवल 200 से 300 मीटर हिस्से के सौंदर्यीकरण के लिए। शेष धनराशि ड्रेनेज और ट्रीटमेंट प्लांट लगान पर खर्च हो गई। डीबीआर तैयार करते वक्त प्रोजेक्ट को रिजुनवेशन के तहत गंगेडा से लेकर नगर परिषद की सीमा तक शामिल किया था जिसे प्रोजेक्ट बनने के बाद 200 मीटर तक सीमित कर दिया गया है।
अतिक्रमण हटाने का भी था प्रावधान
प्रोजेक्ट बनाते वक्त देविका की निशानदेही के साथ अतिक्रमण को हटाने का भी प्रावधान था मगर कुछ लोगों को फायदा देने के लिए अब ऐसा कुछ नहीं है। पाबा ने कहा कि इस सिलसिले में उन्होंने राज्यपाल को भी ज्ञापन भेजा। मगर न तो कोई जवाब आया और न ही कोई ठोस कदम उठाया गया।
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