Move to Jagran APP

यासीन मलिक की रिहाई को लेकर कश्मीर में सियासत शुरू

राज्य ब्यूरो श्रीनगर टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 07:58 AM (IST)
यासीन मलिक की रिहाई को लेकर कश्मीर में सियासत शुरू
यासीन मलिक की रिहाई को लेकर कश्मीर में सियासत शुरू

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक की रिहाई को लेकर कश्मीर में सियासत शुरू हो गई है। हुर्रियत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वायंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने जहां 23 अप्रैल को मलिक की रिहाई के लिए कश्मीर बंद का आह्वान किया है। वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस मामले को साध्वी प्रज्ञा के साथ जोड़ दिया। महबूबा ने कहा कि यासीन मलिक की सेहत को लेकर उनके परिजनों की चिता के प्रति उदासीनता बरत रही केंद्र सरकार ने अपने सियासी एजेंडे के लिए साध्वी को जमानत दिला दी। उन्होंने साध्वी के लिए अतिवाद की महारानी शब्द भी इस्तेमाल किया है।

loksabha election banner

कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक ही वर्ष 2016 से ज्वायंट रजिस्टेंस लीडरशिप का संयुक्त रूप से नेतृत्व कर रहे हैं। यासीन मलिक इस समय टेरर फंडिग के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। करीब 15 दिन पहले अदालत में एक याचिका दायर कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए देश-विदेश से धन जुटाने के मामले में पूछताछ के लिए उनका रिमांड प्राप्त किया था। मलिक के परिजनों ने गत रोज दावा किया कि जेल में उनके साथ कठोर व्यवहार हो रहा है और वह भूख हड़ताल पर हैं। उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है।

जेआरएल ने सोमवार दोपहर को एक बयान जारी कर 23 अप्रैल को कश्मीर बंद का आह्वान किया है। जेआरएल ने लोगों को भड़काते हुए कहा कि यासीन मलिक की जिदगी खतरे में है। मलिक के साथ जेल में दु‌र्व्यवहार और कश्मीर की आजादी के समर्थक नेताओं पर एनआइए व ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सभी मंगलवार को अपने कारोबार बंद रखें। बता दें कि पहले मलिक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बाद में उन्हें फिर जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

इस बीच, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी यासीन मलिक की भूख हड़ताल और उनकी बिगड़ती सेहत का हवाला देते हुए उनकी जल्द रिहाई का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यासीन मलिक की बिगड़ती सेहत को लेकर उनके परिजनों की चिता जायज है। खेद की बात है कि भारत सरकार उनकी चिताओं को लेकर पूरी तरह उदासीन है। केंद्र सरकार ने अतिवाद की महारानी साध्वी की जमानत के लिए पूरा प्रयास किया, क्योंकि वह सांप्रदायिक भावनाओं को हवा देते हुए उनके सियासी एजेंडे को आगे बढ़ाने में मददगार है। अतिवादी जनता पार्टी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.