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क्रास एलओसी ट्रेड की आड़ में आतंकी फंडिंग मामले में दो व्यापारी गिरफ्तार

क्रास एलओसी व्यापार की आड़ में कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों को धन मुहैया कराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपितों ने क्रास एलओसी ट्रेड के लिए अपने और अपने रिश्तदारों के नाम पर कंपनियां बना रखी थीं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 05:12 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 05:12 AM (IST)
क्रास एलओसी ट्रेड की आड़ में आतंकी फंडिंग मामले में दो व्यापारी गिरफ्तार
क्रास एलओसी ट्रेड की आड़ में आतंकी फंडिंग मामले में दो व्यापारी गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: क्रास एलओसी व्यापार की आड़ में कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों को धन मुहैया कराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपितों ने क्रास एलओसी ट्रेड के लिए अपने और अपने रिश्तदारों के नाम पर कंपनियां बना रखी थीं। इन दोनों से पूछताछ जारी है। इस मामले में जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।

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एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि एक आरोपित व्यापारी तनवीर अहमद वानी को पुलवामा जिले के अचगोजा राजपोरा से गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पीर अरशद इकबाल उर्फ आशू को बारामुला जिले के ख्वाजा बागा से पकड़ा है। यह दोनों क्रास एलओसी ट्रेड के जरिए गुलाम जम्मू कश्मीर से सामान मंगवाते थे और बदले में कश्मीर से सामान का निर्यात करते थे। क्रास एलओसी ट्रेड में नकद भुगतान नहीं होता था और सामान के बदले सामान का ही आदान-प्रदान होता था। इस प्रक्रिया में यह ज्यादा कीमत का सामान मंगवाते थे और दस्तावेजों में उसकी कीमत कम दिखाते। कई बार इस तरफ से निर्यात किए जाने वाले सामान की कीमत कम या फिर अधिक दिखाई जाती। इस तरह से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा कश्मीर में सक्रिय आतंकियों व अलगाववादियों तक पहुंचाया जाता था।

क्रास एलओसी ट्रेड जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर के बीच वर्ष 2008 में शुरू किया गया था। इस कारोबार में सिर्फ जम्मू कश्मीर और गुलाम जम्मू कश्मीर के व्यापारी ही भाग ले सकते थे। यह व्यापार पूरी तरह कर मुक्त था और इसमें सिर्फ जम्मू कश्मीर व गुलाम जम्मू कश्मीर में पैदा होने वाली या बनाई जाने वाली 21 अनुमोदित वस्तुओं के आयात-निर्यात की अनुमति थी। लेकिन आतंकियों व अलगाववादियों की मदद में जुटे कई व्यापारियों ने उन वस्तुओं का भी आयात-निर्यात शुरू कर दिया जो अनुमोदित सूची में शामिल नहीं थीं। यह व्यापार वर्ष 2019 में बंद कर दिया गया था।


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