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truck driver killed in Kashmir: मासूमों का हाल देख परिजन बोले-आतंकियों का करें सर्वनाश

बिजबिहाड़ा में आतंकियों द्वारा मारे गए ट्रक चालक नारायण दत्त के चारों बच्चे हुए अनाथ मां की कुछ वर्ष पहले ही हो चुकी है मौत अब आतंकियों ने पिता की कर दी हत्या

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 10:49 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 10:49 AM (IST)
truck driver killed in Kashmir: मासूमों का हाल देख परिजन बोले-आतंकियों का करें सर्वनाश
truck driver killed in Kashmir: मासूमों का हाल देख परिजन बोले-आतंकियों का करें सर्वनाश

कटड़ा, राकेश शर्मा। दक्षिण कश्मीर के बिजबिहाड़ा में सोमवार को आतंकियों द्वारा मार दिए गए ट्रक चालक नारायण दत्त का शव मंगलवार को सुबह करीब सात बजे कटड़ा के ककरियाल गांव पहुंचा तो वहां मौजूद लोग आंसू रोक नहीं पाए। परिवार के लोग ही नहीं, गांववाले भी सभी एक सुर में आतंकियों का सर्वनाश करने की बात कहते रहे।

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सभी बच्चे नाबालिग

नारायण दत्त के चारों नाबालिग बच्चों को घटना के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी, लेकिन उन्होंने जब अपने पिता का शव देखा तो बेसुध हो गए। परिवार के लोगों ने उन्हें किसी तरह संभाला, लेकिन सिर से पिता का साया हट जाने से वह भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस कर रहे थे। बच्चों की मां निधन कुछ वर्ष पहले ही हो चुका है।मृतक के चार बच्चे 17 वर्षीय अतुल शर्मा, 15 वर्षीय तान्या शर्मा, 13 वर्षीय सानिया शर्मा और 8 वर्षीय वंश हैं। सभी नाबालिग हैं।

पिता के शव से लिपटकर विलाप कर रहे बच्चों को परिवार और गांव के लोग अपनी गोद में लेकर किसी तरह ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बच्चों पर ऐसी विपदा कि उनके भविष्य की सोचकर हर कोई सिहर उठता था। मृतक का अंतिम संस्कार गांव के ही शमशानघाट में किया गया। बेटे अतुल शर्मा ने मुखाग्नि दी।

अंतिम यात्रा में भाजपा प्रदेश प्रधान रविन्‍द्र रैना, पूर्व राज्य मंत्री अजय नंदा, पूर्व विधायक बलदेव राज शर्मा, भाजपा नेता सर्फ  नाग, जिला आयुक्त रियासी इंदु कंवल चिब, एसएसपी रियासी रश्मि वजीर, एसडीपीओ विवेक शेखर, एसएचओ प्रदीप गुप्ता, बड़ी संख्या में सरपंच व पंच आदि शामिल हुए।

कटड़ा क्षेत्र की यह पहली घटना 

गौरतलब है कि कटड़ा क्षेत्र में इस तरह की यह पहली घटना है जिसमें आतंकियों ने ट्रक चालक की निर्मम हत्या की हो। बेटी को सता रही भविष्य की चिंताबड़ी बेटी तान्या शर्मा ने कहा अब बहुत हो गया, आतंकियों को खत्म कर देना चाहिए। उसने सरकार से मांग की है कि वह निर्दोष लोगों की हत्या में शामिल पाकिस्तान के साथ ही आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। उनके पिता ही एक मात्र सहारा थे। अब उन्हें भविष्य की चिंता सता रही है। हर कोई बच्चों को लेकर चिंतित था कि उनका भविष्य क्या होगा। चारों बच्चे अनाथ हो गए हैं। हर कोई उन्हें गले लगाकर सदमे से बाहर लाने की कोशिश कर रहा था।

डीसी ने बच्चों को लिया गोद, पुलिस से भी मिली मदद

डीसी रियासी इंदु कंवल चिब ने नारायण दत्त के बच्चों को गोद लेने के साथ ही एक लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। एसएसपी रियासी रश्मि वजीर ने भी अन्य पुलिस अधिकारियों के सहयोग से बच्चों के पालन पोषण के लिए 50000 रुपये की तुरंत सहायता उपलब्ध कराई। डीसी ने कहा कि चारों बच्चे अभी नाबालिग हैं। गांव के सरपंच बंसीलाल तथा बच्चों के ताया वृंदावन को अपने कार्यालय बुलाया है ताकि संयुक्त बैंक खाता खोला जा सके। परिवार को मुफ्त राशन भी दिया जाएगा। सदमे से बाहर निकालने के लिए आइसीडीएस योजना के तहत अधिकारी बच्चों की रोजाना काउंसलिंग करेंगे। प्रशासन पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगा। भविष्य में नौकरी देने की भी कोशिश की जाएगी। बच्चों के ताया वृंदावन भी गरीब है। 


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