आतंकियों के मददगार चार ओवरग्राउंड वर्करों पर चलेगा मुकद्दमा
आरोपित ओजीडब्लयू जैश ए मोहम्मद के लिए काम करते थे और जिस समय पकड़े गए,उस समय वह सु़रक्षाबलों पर हमले की फिराक में थे।
जम्मू, राज्य ब्यूराे। उत्तरी कश्मीर में लगभग छह माह पहले पकड़े गए आतंकियों के चार ओवरग्राउंड वर्करों के खिलाफ राज्य सरकार ने राष्ट्रविरोधी व अन्य विध्वंसकारी गतिविधियों में भाग लेने के मामले में मुकद्दमा चलाने की अनुमति दे दी है।
आरोपित ओजीडब्लयू जैश ए मोहम्मद के लिए काम करते थे और जिस समय पकड़े गए,उस समय वह सु़रक्षाबलों पर हमले की फिराक में थे। उनके खिलाफ मुकद्दमा चलाने की अनुमति देते हुए संबधित विभाग ने बताया कि गत 26 जून 2018 को पुलिस स्टेशन सोपोर को डीएसपी आप्रेशन सोपोर से एक लिखित डाकेट मिला, जिसमें उन्होंने बताया कि वह पुलिस व सीआरपीएफ की 177वीं व 179वीं वाहिनी के जवानों के साथ मिलकर फ्रूट मंडी सोपोर में नाके पर थे।उनके साथ सेना की 22 आरआर के जवान भी थे। इसी दौरान उन्होंने सफेद रंग की एक रिटज मारुति कार जिसका नंबर जेके05सी-5321 था, माजबुग की तरफ से आती नजर आयी। कार को जैसे ही रुकने का संकेत किया गया, उसके चालक ने इस संकेत को नकारते हुए वहां से भागने का प्रयास किया।
नाका पार्टी ने कार का पीछा किया और उसके चालक समेत कार में बैठे सभी लोगों को पकड़ लिया। यह चार लोग थे और इनकी पहचान मोहम्मद अयूब मल्ला पुत्र गुलाम हसन मल्ला निवासी मलमानपोरा, फेयाज अहमद वार पुत्र गुलाम मोहिउददीन वार, जावेद अहमद वान पुत्र अब्दुल रहमान वार निवासी वारपोरा और मकसूद अहमद वार पुत्र मोहम्मद युसुफ वार दचनीपोरा के रुप में हुई। गुलाम हसन मल्ला ही कार चालक था। तलाशी लेने पर इनके पास से हथियारों का एक जखीरा मिला था। यह सभी जैश ए मोहम्मद के ओजीडब्लूय थे। इनके खिलाफ सभी गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इनके बयान भी मैजिस्ट्रेट के समक्ष कलमबद्ध किए गए और इन्होंने माना कि वह आतंकियो के लिए काम करते हैं और हमले की फिराक में थे।
छानबीन में पता चला है कि चारो ओजीडब्लयू रियासत में शांति और कानून व्यवस्था का माहौल बिगाड़ने व जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने की साजिश में जुटे हुए थे। केस डायरी समेत सभी तथ्यों का संज्ञान लेने के बाद ही राज्य सरकार ने इन चारों के खिलाफ मुकद्दमा चलाने की अनुमति दी है।