बच्चों के साथ अभिभावकों को भी फिटनेस के टिप्स
रजिया नूर श्रीनगर कश्मीर घाटी में कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक लॉकडाउन से ज्
रजिया नूर, श्रीनगर
कश्मीर घाटी में कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक लॉकडाउन से ज्यादातर लोग तनाव, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल व मधुमेह से पीड़ित हो गए थे। ऐसे लोगों को स्वस्थ बनाने के लिए वादी के युवा खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। यह खिलाड़ी लोगों को ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग जैसी स्ट्रेस बस्टर एक्सरसाइज करवा कर उनमें कोरोना से लड़ने की क्षमता बढ़ा रहे हैं।
श्रीनगर निवासी एजाज अहमद, मकसूद अहमद और रमीज तीनों दोस्त मार्शल आर्ट और वुशु के दिग्गज खिलाड़ी और कोच भी हैं। तीनों कई स्थानीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं। इन्होंने श्रीनगर के आलूचीबाग इलाके में एक पार्क में फिटनेस क्लब स्थापित किया है। यहां ये इस खेल में रुचि रखने वाले बच्चों को खेल की बारीकियां सिखाने के साथ उनके अभिभावकों व अन्य लोगों को निशुल्क फिटनेस की तकनीक सिखाते हैं।
लॉकडाउन में बंद था कैंप
वुशु एक्सपर्ट एजाज अहमद ने बताया कि वे दो वर्ष से श्रीनगर के इंडोर स्टेडियम में वालंटियर कोचिंग कैंप चलाते थे। कैंप में सैकड़ों बच्चे खेल की बारीकियां सीखते थे। मार्च में कोरोना के कारण कैंप को बंद करना पड़ा। महामारी के प्रारंभिक दिनों में तो हम भी घरों में बैठे रहे, लेकिन लॉकडाउन में छूट के बाद कुछ बच्चों के अभिभावकों के आग्रह पर हमने पार्क में फिर कोचिग कैंप शुरू किया तो धीरे-धीरे बच्चे भी खेल का अभ्यास करने के लिए आने लगे।
व्यायाम के साथ अभिभावकों की काउंसलिंग भी
खिलाड़ियों का कहना है कि बच्चों के साथ आने वाले ज्यादातर अभिभावक तनावग्रस्त, सुस्त और बीमार नजर आते थे। हमने फैसला किया कि जितनी देर तक वह अपने बच्चों का इंतजार करने के लिए ग्राउंड में बैठे रहते हैं तो क्यों न उन्हें कुछ व्यायाम सिखाया जाए ताकि वे भी चुस्त-दुरुस्त हो जाएं। इस बारे में अभिभावकों से बात की तो वे राजी हो गए। हमने बच्चों के साथ उनके अभिभावको को भी फिटनेस के गुर सिखाने शुरू कर दिए। यह सिलसिला लगातार जारी है। आज अभिभावक काफी चुस्त-दुरुस्त नजर आ रहे हैं। रोजाना सुबह छह बजे बच्चों के लिए वुशु और बड़ों के लिए फिटनेस क्लास सुबह छह से 10 बजे तक चलती है। शुरुआत में सिर्फ अभिभावक ही फिटनेस के लिए आते थे, लेकिन अब क्लब में अन्य लोग भी आने लगे हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों को स्ट्रेस बस्टर एक्सरसाइज के साथ उनकी काउंसलिंग भी शुरू की जो उनके लिए फायदेमंद साबित हुई।
अब काफी चुस्त-दुरुस्त महसूस करता हूं : असलम अब्बास
फिटनेस क्लब में आने वाले मधुमेह से पीड़ित 56 वर्षीय असलम अब्बास का कहना है कि सुबह की ताजा हवा में व्यायाम करने से मुझे काफी फायदा हुआ है। अब स्वयं को चुस्त-दुरुस्त महसूस कर रहा हूं। वहीं, लोन यासीन ने कहा कि अपने आपको चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए रोजाना व्यायाम जरूरी है। क्या है ब्रिस्क वॉक
एक से पांच मिनट तक धीरे-धीरे चलना और अगले एक से पांच मिनट तक तेज चलना पड़ता है। इससे शरीर दिनभर फुर्तीला बना रहता है।