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कश्मीर में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर की हत्या

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और निकाय व पंचायत चुनावों में लोगों के उत्स

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 02:05 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 02:05 AM (IST)
कश्मीर में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर की हत्या
कश्मीर में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर की हत्या

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और निकाय व पंचायत चुनावों में लोगों के उत्साह से हताश हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने शुक्रवार को शोपियां में तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया। जबकि एक पुलिसकर्मी के भाई को प्रताड़ित करने के बाद छोड़ दिया। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराने के लिए शोपियां, पुलवामा व कुलगाम के विभिन्न हिस्सों में सघन तलाशी अभियान चला रखा है।

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इन हत्याओं की जिम्मेदारी लेते हुए हिजबुल के डिवीजनल कमांडर रियाज नायकू ने ट्वीट किया कि हमारे मुजाहिद भाइयों ने कार्रवाई शुरूकर दी है। हम उन सभी एसपीओ को मार डालेंगे जो नौकरी छोड़कर घर नहीं बैठेंगे।

शोपियां से मिली सूचनाओं में बताया गया है कि तड़के स्वचालित हथियारों से लैस 20 आतंकी बटगुंड और कापरिन गांव में दाखिल हुए। उनहोंने 10 पुलिसकर्मियों के घरों में तलाशी ली। एक घर से उन्हें पुलिसकर्मी का भाई फैयाज बट मिला जिसे अगवा कर लिया। अन्य घरों से पुलिसकर्मी निसार अहमद धोबी, दो एसपीओ फिरदौस अहमद कूचे और कुलदीप ¨सह को अगवा कर लिया। सूचना मिलते ही पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के संयुक्त कार्यदल ने पूरे इलाके को घेर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन आतंकियों और अगवा पुलिसकर्मियों का कोई सुराग नहीं मिला। इसी बीच, आतंकियों ने फैयाज अहमद बट को बुरी तरह पिटाई करने के बाद छोड़ दिया। तीन अन्य पुलिसकर्मियों को आतंकी कापरिन से तीन किलोमीटर दूर दानगाम की तरफ ले गए और तीनों की गोली मारकर हत्या कर दी। सुबह साढ़े आठ बजे ग्रामीणों ने दानगाम वाली सड़क पर तीनों के गोलियों से छलनी शव देखे। उसी समय पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम और अन्य आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद परिजनों के हवाले कर दिए।

रियाज नायकू दे चुका था धमकी :

हिजबुल मुजाहिदीन के डिवीजनल कमांडर रियाज नायकू ने गत दिनों वीडियो संदेश जारी कर राज्य में लोगों को चुनाव बहिष्कार का फरमान सुनाते हुए सभी एसपीओ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों में कार्यरत स्थानीय युवाओं को नौकरी छोड़ने या फिर मरने के लिए तैयार रहने की धमकी दी थी। इससे पूर्व 30/31 अगस्त को भी रियाज के इशारे पर आतंकियों ने पांच एसपीओ समेत पुलिसकर्मियों के 11 रिश्तेदारों को अगवा किया था। इन लोगों को तभी छोड़ा गया था जब पुलिस ने हिरासत में लिए गए आतंकियों के परिजनों को छोड़ा था।


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