जम्मू-कश्मीरः हिज्ब कमांडर की पंचायत चुनावों में बाधा डालने की साजिश
हिज्ब कमांडर रियाज नायकू ने सोशल मीडिया के जरिए अपने आडियो संदेश जारी कर पंचायत चुनावों में बाधा डालने की अपनी साजिश को दोहराया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू डिविजनल कमांडर रियाज अहमद नायकू ने मंगलवार को पंचायत चुनावों में भाग लेने वालों की आंखों में तेजाब डालने व उन्हें मौत के घाट उतारने की अपनी धमकी को एक बार फिर दोहराते हुए मीडियाकर्मियों को भी आतंकियों के बारे में नकारात्मक रिपोर्टिंग से बाज आने को कहा है। आतंकी कमांडर ने कहा कि अगर मीडिया नहीं सुधरा तो हमें इंसाफ करना सिखाना आता है।
गौरतलब है कि राज्य में स्थानीय निकाय और पंचायतों के चुनाव अक्तूबर माह के दौरान कराए जाने की योजना पर राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। इससे कश्मीर में सक्रिय आतंकी व अलगाववादी भी घबराएं हुए हैं और वह लोगों को इन प्रस्तावित चुनावों से दूर रखने की अपनी साजिश को अंजाम देने में सक्रिय हो गए हैं। बीते साल भी जब रियासत में पंचायत चुनावों की तैयारी होने लगी थी तो हिज्ब कमांडर रियाज नायकू ने चुनाव में हिस्सा लेने वालों की आंखों में तेजाब फेंकने और उन्हें अंधा करने की धमकी दी थी।
हिज्ब कमांडर रियाज नायकू ने आज एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए अपने आडियो संदेश जारी कर पंचायत चुनावों में बाधा डालने की अपनी साजिश को दोहराया है। अपने 11.14 मिनट के आडियो संदेश में रियाज नायकू ने कहा है कि भारतीय फौज यहां लोगों के साथ मारपीट कर, कासो चलाकर, मुजाहिदों (कश्मीर में आतंकियों को मुजाहिद कहा जाता है) के घरोें तोड़-फोड़ कर, लोगों पर पंचायत चुनावों में भाग लेने का दबाब बना रहे हैं। लेकिन इससे मुजाहिदीन नहीं डरते और हम एक बार फिर कहते हैं कि हमने तेजाब जमा कर लिया है और जो लोग इलैक्शन का फार्म भरने जाएंगे,वहअपने लिए कफन का भी इंतजाम कर लें।
रियाज नायकू ने गत दिनों कोईल पुलवामा में शमीमा बानो नामक महिला की हत्या का जिम्मा लेते हुए कहा कि उसने हमारे साथी समीर टाईगर की मुखबिरी की थी। फौज हमेशा उसके घर के बाहर मौजूद रहती थी। लेकिन उसके बावजूद उसे हमारे लोगों ने उसके घर में घुसकर सजा दी। इसलिए पंचायत चुनावों में लोगों को भाग लेने के लिए तैयार करने के इरादे से फौज आपको यकीन दिलाएगी की आपके साथ है, लेकिन वह आपके साथ नहीं रहेगी। हमने जिस मारना होता है, उसके किसी भी जगह मार सकते हैं। हमारी किसी के साथ कोई जाति दुश्मनी नहीं है। लेकिन कौम और तहरीक के साथ गददारी करने वालों को हम नहीं छोड़ेंगे।
मीडिया को धमकाते हुए रियाज नायकू ने कहा कि कश्मीर में विभिन्न अखबारों और एजेंसियों में काम करने वाले अधिकांश लोग भ्रष्ट हैं। यह लोग भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा आम कश्मीरियों पर की जाने वाली ज्यादतियों, हमारे साथियों के घरों में तोड़-फोड की खबरों को दबा जाते हैं और अगर कभी छापते हैं तो ऐसी जगह पर जहां कोई ध्यान नहीं देता। इसके उल्ट जब हम लोग किसी मुखबिर के खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो यही मीडिया के लोग उस घटना को मुजाहिदों को बदनाम करने, उन्हें गलत साबित करने के लिए उछालते हैं। मैं मीडिया के लोगों से कहना चाहता हूं कि आपका काम सच को दुनिया के सामने लाना है। हमें पता है कि कौन सी एजेंसी क्या कर रही है। आप लोग इंसाफ करो,वरना हमें इंसाफ करना सिखाना आता है।
रियाज नायकू ने अपने आडियो संदेश में लोगों और व्यापारियों को सीसीटीवी कैमरे हटाने या फिर उन्हें इस तरीके से लगाने को कहा जिससे उनमें सड़क पर मुजाहिदीनों की आवाजाही रिकार्ड न हो। उसने कहािक पुलिस अक्सर इन सीसीटवी कैमरों की फुटेज के सहारे हमारे ओजीडब्लयू और साथियों की पहचान करती है।
12 लाख के ईनामी आतंकी रियाज नायकू ने अपने इस आडियो संदेश में अभिभावकों से कहा है कि वह अपने बच्चों को विशेषकर लड़कियों को सुरक्षाबलों व अन्य एजेंसियों द्वारा आयोजि खेल कार्यक्रमों और भारत दर्शन कार्यक्रमों से दूर रखने की हिदायत देते हुए कहा कि इनका मकसद सिर्फ कश्मीरी युवकों को तहरीक से दूर रखना और हमारी लड़कियों को बेहयाई व मुखबिरी की तरफ धकेलना है। भारतीय एजेंसियों क ेसाथ मिलकर इस तरह के कार्यक्रम करने वालों को हम अच्छी तरह जानते हैं और हम उन्हें अपनी इन हरकतों से बाज आने को कहते हैं।
रियाज नायकू ने अपने इस आडियो संदेश में लोगों को हिज्ब के नाम पर किसी को भी चंदा न देने की हिदायत करते हुए कहा कि कुछ शरारती तत्व और भारतीय एजेंटे हम लोगों को बदनाम करने के लिए इस तरह के काम करते हैं, मुजाहिद नहीं। अगर हमारे किसी साथी को पैसे की मदद चाहिए होगी तो वह सीधा आपके पास आएगा। भारतीय एजेंसियां यह काम मुजाहिदीन के प्रति लोगों के नफरत पैदा करने के लिए करती हैं। लेकिन वह दिन दूर नहीं जब इस कौम की कुर्बािंनयां रंग लाएंगी और हम अपनी तहरीक को उसके अंजाम तक पहुंचाएंगे। कभी वह दिन भी थे जब कश्मीर में लोग भारतीय फौज को देखकर अपनी बस्तयों से भाग जाते थे,लेकिन आज वही लोग हिंदोस्तानी फौज को पत्थर मार अपनी बस्तियों से बाहर निकालते हैं।