पाक प्रायोजित और विदेशी मीडिया के दुष्प्रचार की इस अधिकारी ने खोली पोल
SSP Imtiaz Hussain. विदेशी मीडिया द्वारा राष्ट्रविरोधी भावनाओं फैलाने की इस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पोल खोल दी है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में शरारती तत्वों द्वारा गड़बड़ी फैलाने की साजिशों के बीच विदेशी मीडिया द्वारा राष्ट्रविरोधी भावनाओं फैलाने की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि किसी एजेंडे विशेष का आगे बढ़ाने वाली पत्रकारिता में अंतत: सच्चाई का ही कत्ल होता है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के फैसले के बाद से ही कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है। आतंकी और अलगाववादी तत्व हर मौके का फायदा उठाने की साजिश रच रहे हैं। तमाम चुनौतियों के बावजूद प्रशासन ने वादी में स्थिति को किसी तरह शांत बनाए रखने का प्रयास किया है। राष्ट्रविरोधी तत्वों के अलावा विदेशी मीडिया भी दुष्प्रचार कर भारत विरोधी भावनाएं पैदा करने का प्रयास कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस में एसएसपी इम्तियाज हुसैन मीर ने विदेशी मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि चार अगस्त के बाद कश्मीर में दो ही मौतें हुई हैं। व्यक्ति को पाकिस्तान की शह पर पलने वाले आतंकियों ने अगवा कर मौत के घाट उतारा और एक ट्रक चालक को पाकिस्तान द्वारा उकसाए गए दंगाइयों ने मौत की नींद सुला दिया। लेकिन विदेशी मीडिया ने इन घटनाओं को रिपोर्ट ही नहीं किया, क्योंकि यह उनके एजेंडे के मुताबिक नहीं हैं।
इम्तियाज हुसैन मीर कश्मीर के ही रहने वाले हैं। कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं।
रविवार की शाम को बीजबेहाड़ा में नूर मोहम्मद डार नामक एक ट्रक चालक राष्ट्रविरोधी तत्वों के पथराव में मारा गया। गत मंगलवार को त्राल में खाना बदोश गुज्जर बक्करवाल समुदाय के दो लोगों के शव मिले। इन्हें आतंकियों ने अगवा कर मौत के घाट उतारा था। विदेशी अंग्रेजी मीडिया ने ट्रक चालक की मौत पर दावा किया है कि वह सुरक्षाबलों को लेकर जा रहा था, इसलिए उसे निशाना बनाया गया।
एसएसपी इम्तियाज हुसैन मीर ने रिपोर्ट का कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि यह तथ्यों के साथ छेड़खानी है। यह आपत्तिजनक है। इस रिपोर्ट ने तो दंगाइयों के पक्ष को ध्यान में रखते हुए मान लिया कि ट्रक में सुरक्षाबल थे, इसलिए उस पर हमला किया गया है। इसलिए ट्रक चालक मारा गया है। एक कत्ल को न्यायोचित ठहराने के लिए एक सभ्य और विचारशील पत्रकार ने क्या तर्क निकाला है। उन्होंने इस विषय पर ट्वीट भी किया और लिखा है कि एजेंडे के मुताबिक चलने वाली पत्रकारिता में अंतत: कत्ल सच्चाई का ही होता है। काश हमारे यहां ग्राउंड रिपोर्ट करने वाले मीडियाकर्मी होते। हत्यारों को दोषमुक्त बनाना किसी भी तरह से पत्रकारिता नहीं है।
कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले एसएसपी इम्तियाज हुसैन मीर ने इसी मुद्दे पर अपने एक ट्वीट में लिखाा है कि आपत्ति के बाद इस संस्था ने अपनी खबर से विवादास्पद लाइन को हटा लिया है। लेेकिन मैंने उस खबर का स्क्रीनशॉट ले लिया है। उन्होंने लिखा है कि कश्मीर के हालात का लेकर सही स्थिति को बताना बहुत जरूरी है, क्योंकि पाकिस्तान में बहुत से किशोर और नौजवान विदेशी मीडिया की इन अतिश्योक्तिपूर्ण खबरों को पढ़कर सोशल मीडिया पर भी शेयर करते हैं। इससे कई आतंकी बनने को प्रेरित हैं और कश्मीर में आकर खून खराबा करते हैं।