अफजल की फांसी का बदला था पुलवामा हमला
मुठभेड़स्थल पर एक दीवार पर हमले मे शामिल आतंकियों ने अंग्रेजी मे एजीएस व उर्दू मे अफजल की मौत का इंतकाम लिखकर किया है। तीनो आतंकी मारे गए।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। दक्षिण कश्मीर मे जिला पुलिस लाइन पुलवामा पर आतंकी हमला संसद हमले मे सलिंप्तता के चलते फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु की मौत का इंतकाम लेने के लिए किया गया था। इसका खुलासा मुठभेड़स्थल पर एक दीवार पर हमले मे शामिल आतंकियों ने अंग्रेजी मे एजीएस व उर्दू मे अफजल की मौत का इंतकाम लिखकर किया है। मुठभेड़ के दौरान तीनो आतंकी मारे गए।
एजीएस का मतलब अफजल गुरु स्क्वायड है और इस आत्मघाती दस्ते का गठन जैश-ए-मुहम्मद सरगना मौलाना अजहर मसूद ने किया था। यहां यह बताना असंगत नही होगा कि संसद पर हमला भी जैश-ए-मुहम्मद ने ही कराया था। अफजल गुरु को 13 फरवरी 2013 मे तिहाड़ जेल मे फंासी दी गई थी।
एसएसपी पुलवामा असलम चौधरी ने कहा कि मारे गए तीनो आतंकी जैश-ए-मुहम्मद के थे और जैश ने हमले की जिम्मेदारी भी ली है। इसके अलावा मुठभेड़स्थल पर एजीएस लिखकर भी आतंकियो ने बताया है कि वह जैश से संबंधित अफजल गुरु स्क्वायड से थे।
गौरतलब है कि पांच दिसंबर 2014 मे जैश के अफजल गुरु स्क्वायड ने उलारी कश्मीर मे मौहरा, उड़ी मे स्थित एक सैन्य शिविर पर हमला किया था। इसके बाद नवंबर 2015 मे उलारी कश्मीर के टंगडार सेक्टर मे सैन्य शिविर पर हमला करने वाले तीनो आत्मघाती भी अफजल गुरु स्क्वायड के थे। पठानकोट एयरबेस पर दिसंबर 2015 मे हुए आतंकी हमले मे शामिल आतंकियो के पास से भी जो पर्चा मिला था,उस पर भी अफजल गुरु स्क्वायड ओर एजीएस के अलावा अफजल गुरु की मौत का इंतकाम लिखा गया था। गत दिसंबर 2016 मे जम्मू के निकट नगरोटा मे सैन्य प्रतिष्ठान पर हमले मे भी जैश का यही स्क्वायड शामिल था।