आतंकी कहीं भी हों, मारे जाएंगे
सोमवार को आतंकियों ने करीरी (बारामुला) में सीआरपीएफ और पुलिस के संयुक्त नाका दल पर हमला किया था। इसमें दो सीआरपीएफ के जवान एक सेना का जवान और एक पुलिस का एसपीओ शहीद हो गए थे।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने कहा कि आतंकी कहीं भी हों, मारे जाएंगे। कश्मीर में एक भी आतंकी के सक्रिय रहने तक आतंकरोधी अभियान जारी रहेगा। मंगलवार को हुमहामा में बलिदानी सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद हसन ने कहा कि आतंकी पूरी तरह से हताश हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को आतंकियों ने करीरी (बारामुला) में सीआरपीएफ और पुलिस के संयुक्त नाका दल पर हमला किया था। इसमें दो सीआरपीएफ के जवान, एक सेना का जवान और एक पुलिस का एसपीओ शहीद हो गए थे। वहीं, जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था।
सुबह शहीद कांस्टेबल खुर्शीद खान निवासी रोहतास बिहार और शहीद कांस्टेबल लवकुश शर्मा निवासी जहानाबाद बिहार को आरटीसी हुमहामा में भावपूर्ण समारोह में अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद शहीदों के पार्थिव शरीर सम्मान के साथ उनके गृह राज्य भेजे गए।
वहीं, श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संक्षिप्त बातचीत में सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक हसन ने कहा कि आतंकी बच नहीं सकते। सोमवार को आतंकियों ने एक जगह घात लगाकर हमला किया। कुछ ही देर में वह घेरे में थे। उनमें से तीन आतंकी मारे गए हैं। आतंकी जहां भी होंगे मारे जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में शांति, सुरक्षा व विश्वास का वातावरण बनाए रखने के लिए आतंकवाद का खात्मा जरूरी है। इसलिए जब तक एक भी आतंकी होगा, आतंकरोधी अभियान जारी रहेंगे। आने वाले दिनों में इनमें और तेजी लाई जाएगी। हाल ही में आतंकी हमलों में आई तेजी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। जब आतंकी दबाव में होते हैं और लोग सहयोग नहीं करते, तब वह अपने कैडर का मनोबल बनाए रखने और लोगों में डर पैदा करने के लिए इस तरह की वारदात को अंजाम देने का प्रयास करते हैं। इसका यह मतलब नहीं कि वह हावी हो रहे हैं।
आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की रणनीति कारगर साबित हो रही है। इस समय कश्मीर में सिर्फ गिने चुने आतंकी हैं। जल्द ही हम उनका भी सफाया कर देंगे। उन्होंने कहा कि करीरी हमले में लिप्त तीन आतंकी मारे जा चुके हैं। अगर कोई अन्य जिदा बचा होगा, वह भी मारा जाएगा। हमारा सिक्योरिटी ग्रिड मजबूत है। सेना, पुलिस और सीआरपीएफ आपस में समन्वय के साथ आतंकवाद के नाश में जुटी हुई हैं।
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