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अब स्मार्टफोन के इस्तेमाल से घबराने लगे है आतंकी

स्मार्टफोन जो आतंकी संगठनो के लिए नए लड़को की भर्ती मे वरदान बन रहा था। अब उनकी मौत का कारण बन रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 26 Aug 2017 12:25 PM (IST)Updated: Sat, 26 Aug 2017 12:25 PM (IST)
अब स्मार्टफोन के इस्तेमाल से घबराने लगे  है आतंकी
अब स्मार्टफोन के इस्तेमाल से घबराने लगे है आतंकी

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। सुरक्षाबलो के दबाव और मारे जा रहे अपने कैडर से हताश आतंकी संगठनो ने वादी मे सक्रिय आतंकियो के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। सभी आतंकियो को स्मार्ट फोन फील्ड कमांडरो को सरेडर करने और रेडियो सेट इस्तेमाल करने का हुक्म सुनाया है।

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कश्मीर घाटी मे आतंकियो के बीच तीन वर्षो से स्मार्टफोन का प्रचलन बढ़ रहा है। वह स्मार्टफोन का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने से लेकर अपनी तस्वीरो को अपलोड करने के लिए कर रहे है। इससे सुरक्षाबलो को उनके ठिकानो और गतिविधियो का पता लगाने मे मदद मिल रही है।

यासीन यलाु, अयूब ललहारी, इरफान, दुजाना, सब्जार और अन्य कई नामी आतंकी कमांडरो की मौत का कारण स्मार्टफोन ही बना है। इससे सरहद पार बैठे आतंकी सरगना हताश हो चुके है। उन्होने अब अपने कैडर को स्मार्टफोन के इस्तेमाल करने से मना कर दिया है।

स्मार्टफोन पर पाबंदी का खुलासा हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के बीच आतंकी गतिविधियो के लिए समन्वय बनाने मे जुटे आतंकी कमांडर रियाज अहमद नायकू उर्फ जुबैर इस्लाम के एक ऑडियो वीडियो संदेश से हुई है। नायकू ने वीडियो संदेश मे सभी आतंकियो को स्मार्टफोन के इस्तेमाल से मना करते हुए कहा है कि जिसके पास भी यह फोन होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसलिए सभी अपने स्मार्टफोन बंद करे और उसकी जगह आपस मे संवाद के लिए रेडियो सेट का ही इस्तेमाल करे। अगर किसी को खबरे सुननी है तो वह रेडियो का इस्तेमाल करे। सभी को रेडियो सेट उपलब्ध कराए जा रहे है।

अपने इस वीडियो मे उसने अल-कायदा को आतंकी संगठन करार देते हुए कहा कि हम लोग कश्मीर की आजादी और इस्लाम के लिए लड़ रहे है। अल-कायदा एक आतंकी संगठन है। इससे दूर रहा जाए। यह हमारी तहरीक को बदनाम करेगा।

आतंकी कमांडरो द्वारा अपने कैडर को स्मार्टफोन के इस्तेमाल से रोके जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुरू मे तो आतंकी संगठनो को लगा कि यह उनके लिए बहुत फायदेमंद है। आतंकी बनने वाले नौजवानो को भी लगा कि बंदूक उठाओ, सेल्फी लो और सोशल मीडिया पर अपलोड कर हीरो बन जाओ, लेकिन वह यह भूल गए कि स्मार्टफोन पर इस्तेमाल होने वाली कई एप्स इस्तेमाल करने वाले की लोकेशन भी आसानी से प्रकट हो जाती है। सुरक्षा एजेसियो को इसका लाभ मिल रहा है। स्मार्टफोन जो आतंकी संगठनो के लिए नए लड़को की भर्ती मे वरदान बन रहा था। अब उनकी मौत का कारण बन रहा है। इसलिए वह इसके इस्तेमाल से अपने कैडर को रोक रहे है।


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