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पुलिस के हथियारों से ही मासूमों को मार रहे आतंकी

वह इन कारतूसों को अपने कुछ अन्य साथी पुलिसकर्मियों की मदद से आतंकियों को बेच रहा था। बदले में मोटी रकम लेता था।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 12 Oct 2017 10:24 AM (IST)Updated: Thu, 12 Oct 2017 10:24 AM (IST)
पुलिस के हथियारों से ही मासूमों को मार रहे आतंकी
पुलिस के हथियारों से ही मासूमों को मार रहे आतंकी

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । कश्मीर में सक्रिय आतंकी अब मासूमों की हत्या करने के लिए पाकिस्तान से आने वाली हथियारों की खेप नहीं बल्कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के हथियारों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। यह खुलासा दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के लिए हथियार सप्लाई करने में लिप्त दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी से हुआ है।

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पुलिस ने इस मामले में आतंकियों के एक ओवरग्राउंड वर्कर और दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। उनके साथ इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तारी के लिए उनके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।पकड़े गए पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल शब्बीर अहमद मलिक और कांस्टेबल नजीर अहमद नजार के रूप में हुई है। शब्बीर जिला शोपियां के आमशीपोरा का रहने वाला है। वह इन दिनों जिला गांदरबल में पुलिस लाइन में तैनात है, जबकि नजीर अहमद जिला कुलगाम का रहने वाला है। नजीर अहमद इन दिनों जिला शोपियां में पुलिस लाइन में तैनात है।

एसएसपी शोपियां एसआर अंबरकर ने बताया कि सोमवार शाम शोपियां सर्किट हाउस के बाहर नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने आदिल अहमद नेगरु को संदिग्ध परिस्थितियों में देखा। तलाशी लेने पर उसके कब्जे से एके-47 के 20 कारतूस मिले। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।आदिल दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के नामी ओवरग्राउंड वर्करों में गिना जाता है। वह हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी वसीम अहमद वगे उर्फ सैफुल्ला और इशफाक ठोकर उर्फ अबरार के लिए काम करता है।

पूछताछ के दौरान उसने ओके-कुलगाम के रहने वाले अपने एक अन्य साथी मुदस्सर अहमद मीर का नाम भी लिया। उसने बताया कि उसे और मुदस्सर को एसाल्ट राइफल के 40 जिंदा कारतूस कांस्टेबल शब्ब्बीर अहमद मलिक ने दिए हैं। पुलिस ने आदिल से मिली जानकारी के आधार पर शब्बीर अहमद को मंगलवार की शाम हिरासत में लिया। उसने पूछताछ में कांस्टेबल नजीर अहमद का नाम लिया और बताया कि कारतूस नजीर ने ही उस तक पहुंचाए थे और उसने आदिल को यह दिए।हालांकि एसएसपी ने इस मामले में अन्य जानकारी देने से इन्कार करते हुए कहा कि पूछताछ जारी है। कुछ और पुलिसकर्मी उनके साथ शामिल हो सकते हैं। इसलिए मामले की छानबीन की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि नजीर ने जिला पुलिस लाइन शोपियां में जहां हथियारों का जखीरा जमा रहता है, वहां तैनाती का फायदा उठाकर ही कारतूस गायब किए थे। वह इन कारतूसों को अपने कुछ अन्य साथी पुलिसकर्मियों की मदद से आतंकियों को बेच रहा था। बदले में मोटी रकम लेता था। यह गोरखधंधा कई महीने से चल रहा था।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरहद पार से हथियारों की सप्लाई में कमी होने के बाद से ही आतंकी संगठनों ने अब पुलिस संगठन में शामिल कुछ काली भेड़ों के साथ साठगांठ कर ली है और वह इनके जरिए सरकारी हथियार व गोलाबारूद अपने लिए जुटा रहे हैं। फिलहाल, इस पूरे मामले की जांच जारी है। सभी पुलिस थानों, सुरक्षा शिविरों और जिला पुलिस लाइनों की कोत में हथियार व गोलाबारूद की जांच की जा रही है।


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