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अलगाववादियों के जरिए आतंकियों तक पहुंचता है पैसा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी फंडिं

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 01:54 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 01:54 AM (IST)
अलगाववादियों के जरिए आतंकियों तक पहुंचता है पैसा
अलगाववादियों के जरिए आतंकियों तक पहुंचता है पैसा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी फंडिंग की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को बड़ी कामयाबी मिली है। इस मामले में पकड़े गए दो आरोपियों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष इकबालिया बयान में कुबूल किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ द्वारा भेजे जाने वाला पैसा अलगाववादियों के जरिए आतंकियों तक पहुंचता है। इनमें से एक आरोपी सरकारी गवाह भी बन गया है।

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संबंधित अधिकारियों ने आरोपियों के नाम नहीं बताए, लेकिन यह जरूर बताया कि ये दोनों गत 24 जुलाई 2017 को पूछताछ के लिए हिरासत में लिए 17 लोगों में से ही हैं। इनमें से एक औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था, क्योंकि उसने सरकारी गवाह बनने की पेशकश की थी।

एनआइए अधिकारियों के मुताबिक, कुबूलनामा देने वाले इन दोनों लोगों में से एक कट्टरपंथी हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का करीबी है। इन दोनों ने आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ द्वारा भेजे जाने वाले पैसे के रूट का खुलासा करते हुए बताया कि है कौन सा अलगाववादी संगठन पैसे का कैसे और कब इस्तेमाल करता है। अलगाववादियों के जरिए आतंकियों को पैसा कैसे पहुंचता है। सुरक्षा एजेंसयिों से बचने के लिए इस पैसे का निवेश कैसे होता है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष इकबालिया बयान की वीडियोग्राफी भी गई और उस समय अदालत में कोई भी जांच अधिकारी नहीं था। अगर इकबालिया बयान के बाद कोई मुकरता है तो जांच एजेंसी उसके खिलाफ झूठी गवाही का मामला भी दर्ज करा सकती है।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि हुर्रियत नेता नईम अहमद खान और बिट्टा कराटे के एक स्टिंग ऑपरेशन का संज्ञान लेते हुए एनआइए ने 30 मई 2017 को आतंकी फंडिंग का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। इस सिलसिले में एनआइए अभी तक कश्मीर में 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें कश्मीर के नामी व्यापारी जहूर अहमद वटाली के अलावा कट्टरपंथी गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद फंतोश, प्रवक्ता एयाज अकबर, निजी सचिव पीर सैफुल्ला, नईम अहमद खान, जेकेएलएफ कमांडर फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, तहरीके हुर्रियत नेता मेहराजुदीन कलवाल, फोटोग्राफर कामरान यूसुफ, जावेद अहमद और उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के प्रवक्ता शाहिद उल इस्लाम शामिल हैं।

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