कश्मीर में बैंकों में तैनात सुरक्षाकर्मी आतंकियों को देंगे मुंहतोड़ जवाब
पिछले एक माह के दौरान दक्षिण कश्मीर में बैंक डकैती और बैंक सुरक्षाकर्मियों से हथियार लूटे जाने की लगभग 10 वारदातें हो चुकी हैं। सै
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में आए दिन बैंक लूट और सुरक्षाकर्मियों से हथियार छीनने की घटनाओं को रोकने के लिए सेना आगे आई है। बैंकों पर आतंकी हमले नाकाम बनाने के लिए सेना बैंकों में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हथियारों की ट्रेनिंग देने के साथ-साथ आपात स्थित से निपटने के गुर सिखा रही है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में हाई ग्राउंड में इन दिनों बैंक सुरक्षाकर्मियों को विभिन्न हथियारों से निशाना साधते, हैंड-टू-हैंड कंबैट में एक दूसरे को पटकते देखा जा सकता है।
पिछले एक माह के दौरान दक्षिण कश्मीर में बैंक डकैती और बैंक सुरक्षाकर्मियों से हथियार लूटे जाने की लगभग 10 वारदातें हो चुकी हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि वादी में विभिन्न बैंकों में आतंकियों द्वारा लूट की घटनाओं का विस्तृत अध्ययन किया गया है। इसके आधार पर पता चला कि बैंक सुरक्षाकर्मियों में आत्मविश्वास की कमी के अलावा आतंकी हमले की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने के लिए जो कौशल चाहिए उसका नितांत अभाव है। इसके अलावा बैंक सुरक्षाकर्मियों के पास हथियार तो हैं, लेकिन वैसी ट्रेनिंग नहीं है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए राज्य पुलिस की मदद से बैंक सुरक्षाकर्मियों के लिए एक विशेष ट्रेनिंग कैप्सूल तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना को तैयार करते हुए भारतीय स्टेट बैंक, जेके बैंक, पीएनबी , एचडीएफसी व आइसीआइसीआइ बैंक के अधिकारियों से भी बातचीत की गई। बैंकों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों के भी सुझाव प्राप्त किए गए हैं। ट्रेनिंग के लिए हमने हाई ग्राउंड, अनंतनाग को चुना है, क्योंकि दक्षिण कश्मीर में यही एक प्रमुख सैन्य फायरिंग रेंज है। इसके अलावा यह जगह बैंक सुरक्षाकर्मियों के लिए सुविधाजनक भी है।
बैंक सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग प्रदान कर रहेएक अधिकारी ने कहा कि हम इन लोगों को एके-47, इंसास राइफल और 12 बोर की राइफल को चलाने, आतंकी हमले के समय खुद को सुरक्षित बनाते हुए जवाबी कार्रवाई करने और लूट को नाकाम बनाते हुए बैंक में मौजूद लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के उपाय सिखा रहे हैं। इसके अलावा इन लोगों को फर्स्ट एड की भी जानकारी दी जा रही है। सेना से हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे एक निजी सुरक्षा एजेंसी से संबंध रखने वाले रियाज अहमद ने बताया कि उसने पहले कभी भी फायरिंग नहीं की थी। यह ट्रेनिंग बेहद जरूरी है।