कश्मीर में श्रीश्री के सम्मेलन में हंगामा
नवीन नवाज, श्रीनगर : दुनिया भर में प्रेम और सौहार्द की लौ जलाने में जुटे आर्ट ऑफ लीविं
नवीन नवाज, श्रीनगर :
दुनिया भर में प्रेम और सौहार्द की लौ जलाने में जुटे आर्ट ऑफ लीविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर को शनिवार कश्मीर में जिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, उसके बारे में शायद ही उन्होंने कभी सोचा होगा। श्रीश्री अपना पैगाम-ए-मोहब्बत सुनाने ही वाले थे कि हंगामा हो गया और कुछ लोगों ने कश्मीर में धर्माध जिहाद का पर्याय बने आतंकी जाकिर मूसा के नारे भी लगा दिए। ऐसे में आध्यात्मिक गुरु को अपना भाषण मात्र चार मिनट में ही छोड़ना पड़ा और कार्यक्रम समाप्त हो गया।
श्रीनगर में डल झील के किनारे पैगाम-ए-मोहब्बत सम्मेलन का आयोजन जम्मू कश्मीर सिविल सोसाइटी ने आर्ट ऑफ लीविंग की कश्मीर इकाई के सहयोग से किया था। हालांकि श्रीश्री कश्मीर के लिए कोई अंजान नहीं हैं और न ही वह पहली बार यहां आए थे, लेकिन पहली बार उन्होंने किसी सार्वजनिक कार्यक्रम अथवा सम्मेलन में हिस्सा लिया। श्रीश्री ने सम्मेलन में मौजूद लोगों के दिलों में उतरने के लिए कश्मीरी भाषा में ही अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने शांति व सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी से सहयोग मांगा। मंच पर श्रीश्री कश्मीर को एशिया का स्विट्जरलैंड बनाने का यकीन दिला ही रहे थे कि वहां आए लोग उठकर जाने लगे। कइयों ने गुस्से में मूसा-मूसा के नारे भी लगाए। आयोजकों ने जब यह देखा तो परेशान हो गए। उन्होंने उठकर जा रहे लोगों को रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे, क्योंकि उठकर जाने वाले जो सवाल पूछ रहे थे, उसका जवाब किसी के पास नहीं था।
हमें कहा गया एक-एक भेड़ मिलेगी :
बारामुला से आए नजीर अहमद नामक एक बुजुर्ग ने कहा कि हमें नहीं बताया गया था कि श्रीश्री रविशंकर आने वाले हैं। हमें तो कहा गया था कि जिनके पास एक भेड़ है, उसे एक-एक भेड़ और मिलेगी। अखतर हुसैन ने कहा कि हम तो किसान हैं, हमें कहा गया था कि हमारा कर्ज माफ होगा। त्राल से आए महमूदा व उसके साथ मौजूद कुछ अन्य महिलाओं ने कहा कि हम तो आशा वर्कर हैं, हमारी नौकरी अस्थायी है। हमें कहा गया था कि स्थायी नियुक्ति पत्र मिलेगा। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि मैं तो मजदूर हूं, मुझे कहा गया कि हजार रुपये दिहाड़ी मिलेगी।
आयोजकों ने दी सफाई :
स्थिति को पूरी तरह बिगड़ते देख सम्मेलन आयोजित करने वाले शेख इमरान ने माइक संभाला और सफाई देते हुए कहा कि कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से यहां लोग इस उम्मीद में आए थे कि उनकी समस्याओं का हल शायद श्रीश्री रविशंकर जी के जरिए हो जाए। ये लोग अपने साथ ज्ञापन भी लेकर आए हैं, इन सभी लोगों को गुरु जी से मिलाया जाएगा, ताकि यह अपनी बात कह सकें। श्रीश्री दो दिन के कश्मीर दौरे पर आए हैं।
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'हमने किसी को झूठ बोलकर नहीं लाया था। हमने एक व्यक्ति को चिन्हित किया है, शायद वह बारामुला से है, उसने ही ऐसा किया है।'
- संजय, आर्ट ऑफ लीविंग के कश्मीर प्रभारी
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'सम्मेलन का आयोजन जम्मू कश्मीर सिविल सोसाइटी ने किया था। गुरु जी और हम सभी लोग सोसाइटी के निमंत्रण पर ही इसमें शामिल होने आए थे। कौन कहां से आया, कौन कहां से कैसे लाया गया, उन्हें नहीं मालूम।'
-अजय कपूर, प्रवक्ता, ऑर्ट ऑफ लीविंग
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'श्रीश्री यहां बीते कई साल से आ रहे हैं। लोगों में उनके प्रति आदर है। हमें उनके प्रयासों पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन अगर आयोजकों ने छल कर लोगों को लाया है तो अच्छा नहीं हुआ।'
-मुख्तार अहमद, कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ व वरिष्ठ पत्रकार
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कौन हैं कार्यक्रम के आयोजक शेख इमरान :
पैगाम ए मोहब्बत के आयोजन में अहम भूमिका जम्मू कश्मीर पीपुल्स एलांयस नामक संगठन ने निभाई है। इस संगठन के अध्यक्ष शेख इमरान कश्मीर के एक बड़े व्यावसायी हैं और कहवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने लगभग तीन साल पहले पीपुल्स एलांयस का गठन किया था और वह बीते साल कश्मीर के युवाओं के एक दल को लेकर तथाकथित तौर पर नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के एक समारोह में भी शामिल हुए थे। शेख इमरान को गत 24 जनवरी 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नोटिस जारी कर जम्मू कश्मीर बैंक को निर्देश दिया था कि वह कहवा समूह को 130 करोड़ रुपये की देनदारी के मामले में बैंक फ्राड घोषित कर उसकी सभी परिसंपत्तियों को जब्त करे।
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'सम्मेलन हमने आयोजित नहीं किया था, बल्कि यहां की सिविल सोसाइटी के आमंत्रण पर ही लोग यहां आए थे। सम्मेलन में आए लोगों को क्या कह कर लाया गया, यह हमें नहीं पता, लेकिन अलग-अलग जगहों से आए सभी लोगों के प्रतिनिधिमंडलों से मैं मिलने वाला हूं। मैं सभी की बातों को सुनूंगा, यहां मोहब्बत का वातावरण बने, इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहता हूं।'
-श्रीश्री रविशंकर