देश पर बलिदान हुआ मां का लाडला और बहन का प्यारा
मुजफ्फर के पाíथव शरीर के उसके पैतृक गांव हबक पहुंचते ही कोहराम मच गया। पहले से ही गमजदा माहौल और गमगीन हो गया। उसकी बहनों और मां को बिलखते देख हर किसी की आंखें नम हो गई।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : श्रीनगर-बारामुला राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीरी के पास आतंकी हमले में शहीद हुए स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) मुजफ्फर के पाíथव शरीर के उसके पैतृक गांव हबक पहुंचते ही कोहराम मच गया। पहले से ही गमजदा माहौल और गमगीन हो गया। उसकी बहनों और मां को बिलखते देख हर किसी की आंखें नम हो गई। रोती बिलखती उसकी मा-बहनों को संभालना मुश्किल था।
शहीद की सात बहनें हैं। एक बहन दिव्याग हैं। मुजफ्फर अपने परिवार का अकेला कमाने वाला था। गाव में शायद ही ऐसा कोई था, जिसने उसकी मौत का शोक न मनाया हो। बहनें बिलख रही थीं, जबकि मा रोते हुए बार-बार कह रही थी कि उस पर गोलिया बरसाने वालों ने उसके पूरे परिवार का कत्ल कर दिया।
मुजफ्फर को सोमवार दोपहर बाद उसके पैतृक गाव हबक पट्टन में सैकड़ों नम आखों के बीच सुपुर्द ए खाक किया गया। शहीद के जनाजे में पूरा गाव शामिल हुआ। उसे पैतृक कब्रिस्तान में जब सुपुर्द ए खाक किया गया तो वहा मौजूद लोगों की आखें बता रही थी कि इंसानियत का कत्ल हुआ है। एक युवक ने कहा कि जिन्होंने भी उस पर गोली चलाई है, उन्होंने इस्लाम का कत्ल किया है। उन्होंने सिर्फ मुजफ्फर को ही नहीं उसकी सात बहनों और मा-बाप को जीते जी मार दिया है।
मुजफ्फर सोमवार सुबह करीरी के पास सड़क पर उस नाका पार्टी में शामिल था, जिस पर आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में वह दो अन्य सीआरपीएफ कíमयों संग शहीद हो गया। शहीद एसपीओ के शहीदी स्थल और उसके पैतृक गाव हबक के बीच चंद ही किलोमीटर का फासला है। उसे जिला पुलिस लाइन बारामुला में आयोजित भावपूर्ण समारोह में अंतिम श्रद्धाजलि अíपत की गई।
एसएसपी बारामुला, आइजीपी कश्मीर, डीआइजी उत्तरी कश्मीर रेंज और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद के पाíथव शरीर पर पुष्पचक्र और फूल मालाएं अíपत कर उसे श्रद्धासुमन अíपत किए। श्रद्धाजलि समारोह के बाद तिरंगे में लिपटा शहीद का पाíथव शरीर उसके परिजनों के पास ले जाया गया।