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घाटी में हालात बिगाड़ने की साजिश में जुटे 200 शरारती तत्व चिह्नित

राज्य ब्यूरो श्रीनगर कश्मीर घाटी में लगातार सुधरते हालात के बीच इंटरनेट का दुरुपयोग क

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 07:54 AM (IST)
घाटी में हालात बिगाड़ने की साजिश में जुटे 200 शरारती तत्व चिह्नित
घाटी में हालात बिगाड़ने की साजिश में जुटे 200 शरारती तत्व चिह्नित

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में लगातार सुधरते हालात के बीच इंटरनेट का दुरुपयोग कर हालात बिगाड़ने की साजिश में जुटे करीब 200 शरारती तत्वों को चिह्नित किया गया है। इन सभी के खिलाफ आइटी अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

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कश्मीर साइबर पुलिस स्टेशन ने गत सोमवार को सरकारी आदेश की अवहेलना कर इंटरनेट की सोशल साइट का दुरुपयोग करने वाले तत्वों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इस बीच, संबंधित सूत्रों ने बताया कि घाटी में सिर्फ पांच से दस फीसद उपभोक्ता ही वीपीएन के जरिए हालात बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। वीपीएन का इस्तेमाल करने वाले 90 से 95 फीसद उपयोगकर्ताओं की आयु 30 साल से कम है और वे वीडियो गेम्स खेलने के लिए ही ज्यादातर इसका इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग वाट्सएप का भी इस्तेमाल कर रहे हैं और उनमें से 99 फीसद किसी भी तरह की आपत्तिजनक सामग्री को अपलोड करने से बचते हैं।

केंद्रशासित जम्मू कश्मीर राज्य प्रशासन ने 14 जनवरी को जम्मू कश्मीर में 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल करते हुए सभी प्रकार की सोशल साइटों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके साथ ही प्रशासन ने करीब 450 अनुमोदित वेबसाइट की सूची भी जारी की।

प्रशासन के निर्देश और पाबंदियों के बावजूद घाटी में कई लोगों ने अपने मोबाइल पर वीपीएन के जरिए सोशल साइटों का इस्तेमाल शुरू कर दिया। घाटी में सक्रिय आतंकियों और उनके समर्थकों ने भी वीपीएन के जरिए सोशल एप पर सरहद पार बैठे अपने आकाओं से संपर्क बहाल कर लिया। गत माह नगरोटा में मारे गए जैश आतंकी व उनके तीन ओवरग्राउंड वर्कर और घाटी में मारे गए जैश कमांडर कारी यासिर भी वीपीएन के जरिए अपने हैंडलरों के साथ लगातार संपर्क में थे।

बीते कुछ दिनों से घाटी में अलगाववादियों के समर्थक भी वीपीएन के जरिए सोशल मीडिया पर लगातर सक्रिय नजर आ रहे थे। उन्होंने कश्मीर बंद, गिलानी की तबीयत व अन्य कई मुद्दों पर वाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर और इंस्टाग्राम के जरिए अफवाहों को आगे बढ़ा हालात बिगाड़ने का प्रयास किया। बीते सप्ताह तो एक दिन पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए टूजी मोबाइल इंटरनेट सेवा को फिर बंद करना पड़ा था। शरारती तत्वों ने अफवाह फैलाई, भड़काऊ पोस्ट किए

साइबर सेल पुलिस स्टेशन और एसओजी श्रीनगर के प्रभारी एसपी ताहिर अशरफ ने बताया कि शरारती तत्व अलगाववादी और जिहादी गतिविधियों के प्रसार के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह लोग सोशल मीडिया को एक बड़ा हथियार बनाए हुए हैं। वीपीएन के जरिए सोशल मीडिया पर शरारती तत्वों द्वारा फैलाई गई अफवाहों, उनके भड़काऊ पोस्ट का संज्ञान लेते हुए ही एक एफआइआर दर्ज की गई है। इस संदर्भ में हमने कई सबूत और दस्तावेज भी जमा किए हैं। हमने साइबर पुलिस स्टेशन में गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम और आइटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें : आइजी

आइजी कश्मीर विजय कुमार ने लोगों से वीपीएन का इस्तेमाल न करने की अपील करते हुए कहा कि सिर्फ अनुमोदित वेबसाइट को ही सर्च करना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में सहयोग करें।


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