गुलमर्ग में फिर बिछी बर्फ की चादर
जेएनएन, जम्मू/श्रीनगर : राज्य में बुधवार से जारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। वादी के
जेएनएन, जम्मू/श्रीनगर : राज्य में बुधवार से जारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। वादी के उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी व निचले इलाकों में बारिश का सिलसिला वीरवार दिनभर जारी रहा। बर्फबारी से गुलमर्ग समेत उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जबकि निचले इलाकों में बारिश का पानी जमा हो गया है। श्रीनगर और इससे सटे इलाकों में बारिश के चलते कई इलाकों व गली कूचों में पानी जमा हो गया है। जवाहर सुरंग के दोनों किनारों पर बर्फ जमा होने और रामबन क्षेत्र में भूस्खलन से श्रीनगर-जम्मू हाईवे दूसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। रेलवे ट्रैक पर बारिश का पानी भर जाने से बनिहाल-बारामुला रेल सेवा बंद रही। लेह-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पहले से ही बंद है। पुंछ से कश्मीर को जोड़ने वाला मुगल रोड करीब डेढ़ महीने से बंद है। बर्फबारी के चलते उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। वहीं, जम्मू में बुधवार रात से बारिश होती रही। वीरवार सुबह बारिश के बाद दिनभर आसमान में बादलों का जमघट लगा रहा।
पिछले 24 घंटों से उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश से जीवन की रफ्तार थम सी गई है। बुधवार देर रात से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियां फंसी हुई हैं। ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। सभी गाड़ियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। मूसलधार बारिश के कारण राज्य के सभी जलस्त्रोतों का स्तर बढ़ गया है। तवी व चिनाब के अलावा छोटे नालों में भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। प्रशासन ने चिनाब और तवी के आसपास के निचले क्षेत्रों के लोगों को सावधान रहने के लिए कहा है। लगातार हो रही बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा बहुत से संपर्क मार्ग कटे हुए हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन से प्रभावित सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है। मौसम साफ रहा तो शुक्रवार को फंसी गाड़ियों को निकाला जा सकता है। वीरवार को बुधवार के मुकाबले तापमान में कई स्थानों पर पांच से आठ डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आई।
वादी के बांडीपोरा, बारामुला, बडगाम, कुपवाड़ा, गांदरबल, अनंतनाग, कुलगाम व पुलवामा जिलों के उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी कर प्रशासन ने इन इलाकों में रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के निदेशक सोनम लोटस ने बताया कि अभी गरज के साथ बारिश के आसार हैं। शनिवार को मौसम शुष्क रहेगा, जबकि आगे फिर से बारिश के आसार हैं। फरवरी में राज्य में करीब 15 दिन ऐसे रहे हैं, जब किसी न किसी दिन थोड़ी बहुत बारिश हुई है। जम्मू संभाग के बटोत में सबसे ज्यादा 133.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। बनिहाल में 83.9 एमएम, कटड़ा में 78.4 एमएम, भद्रवाह में 67.4 एमएम बारिश दर्ज की गई। काजीगुंड में 4.8, कुपवाड़ा में 16.9 एमएम और श्रीनगर में 4.1 एमएम बारिश दर्ज की गई। जम्मू में 61.8 एमएम बारिश हुई। श्रीनगर में 12.1, काजीगुंड में 47.2, पहलगाम में 55.8 एमएम, कुपवाड़ा में 33.2, गुलमर्ग में 37.2 एमएम बारिश हुई। लेह में 5.0 एमएम व कारगिल में 3.2 एमएम बारिश हुई।
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जगह अधिकतम न्यूनतम
श्रीनगर 5.5 0.6
काजीगुंड 4.5 1.2
पहलगाम 5.6 -0.1
कुपवाड़ा 2.8 0.2
कुकरनाग 7.6 1.0
गुलमर्ग 0.4 -3.2
लेह 7.8 -2.6
कारगिल 5.4 -12.6
जम्मू 17.0 11.7
बनिहाल 7.6 0.2
बटोत 6.5 -1.6
कटड़ा 13.4 9.6
भद्रवाह 3.7 -0.1
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भूस्खलन से रिहायशी मकान क्षतिग्रस्त
मध्य कश्मीर के गादरबल जिले के तिछपोरा इलाके में भूस्खलन से एक रिहायशी मकान क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। तिछपोरा इलाका एक पहाड़ी तलहटी में आबाद है। भूस्खलन के खतरे के चलते इलाके के लोग पहले ही सुरक्षित स्थानों की तरफ जा चुके थे। बुधवार देर रात मूसलधार बारिश के बीच पहाड़ी से चट्टानें खिसक कर अब्दुल मजीद मीर नामक व्यक्ति के रिहायशी मकान पर आ गिरी, जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गया।
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