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Jammu And Kashmir: लश्कर का मॉड्यूल धवस्त, छह मददगार काबू

Lashkar Assistants Arrested सुरक्षा बलों पर हमलों की वारदातों को अंजाम देने की साजिश रच रहे लश्कर-ए-तैयबा के एक मॉड्यूल का नाकाम कर दिया गया है। पुलिस ने छह मददगारों को काबू कर छह वाहन भी बरामद किए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 10:59 PM (IST)
Jammu And Kashmir: लश्कर का मॉड्यूल धवस्त, छह मददगार काबू
जम्मू-कश्मीर में लश्कर के मददगारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Lashkar Assistants Arrested: श्रीनगर व साथ सटे इलाकों में राजमार्ग पर सुरक्षा बलों पर हमलों की वारदातों को अंजाम देने की साजिश रच रहे लश्कर-ए-तैयबा के एक मॉड्यूल का नाकाम कर दिया गया है। पुलिस ने छह मददगारों को काबू कर छह वाहन भी बरामद किए हैं। पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर विजय कुमार ने संयुक्त महानिरीक्षक (डीआइजी) सेंट्रल कश्मीर रेंज अमित कुमार की मौजूदगी में पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ महीनों से श्रीनगर में आतंकी गतिविधियां बढ़ रही थीं। आतंकी हर बार हमला कर बच निकलते। 14 अगस्त को नौगाम में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। आतंकी शहीद पुलिसकर्मी की इनसास राइफल साथ ले गए थे। इसके एक माह बाद आतंकियों ने 21 सितंबर न्यू बाईपास पर सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया। कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन आतंकी फिर हाथ नहीं आए। 25 सितंबर को आतंकियों ने चाडूरा में फिर सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया। इसमें एक एएसआइ शहीद हो गए और तीन अन्य जवान जख्मी हुए थे। आतंकी फिर बच निकले।

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डीआइजी अमित कुमार ने बताया कि चाडूरा हमले के बाद मिले सुरागों के आधार पर 10 संदिग्धों को चिन्हित किया गया। उसके बाद छत्तरगाम चाडूरा के सुहैल शब्बीर गनई, चाडूरा के वसीम अहमद, अरिबाग नौगाम के फैसल मुश्ताक व साहिल निसार, काकपोरा पुलवामा के शाकिर और वनबल नौगाम के उमर निसार को गिरफ्तार किया गया है। इनसे टवेरा टैक्सी, दो कारें व तीन मोटरसाइकिलें बरामद की गई हैं।

लश्कर आतंकियों को पहुंचाते थे सुरक्षित ठिकानों पर 

पकड़े गए छह मददगार न सिर्फ आतंकियों को एक से दूसरी जगह सुरक्षित पहुंचाते थे, बल्कि उनके हथियारों व ठिकानों का बंदोबस्त भी करते थे। यही हमले की जगह का चुनाव करते थे। रैकी से लेकर, हमले का समय और दिन चुनते थे।

बाडी कैमरे में तस्वीर बनी काल

उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को चाडूरा में जिस जगह हमला हुआ था वहां सीआरपीएफ कर्मी के बाडी कैमरे में हमलावर आतंकियों की तस्वीरें कैद हो गई थीं। इससे सैफुल्ला को चिन्हित करने में आसानी हुई। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस से सैफुल्ला के ठिकाने का पता लगा उसे मार गिराया गया।


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