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शेहला रशीद का चुनावी सियासत से किनारा

राज्य ब्यूरो श्रीनगर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की छात्र संघ की पूर्व नेता शेहला रशीद ने सक्रिय व चुनावी सियासत से नाता तोड़ने का एलान किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:13 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:18 AM (IST)
शेहला रशीद का चुनावी सियासत से किनारा
शेहला रशीद का चुनावी सियासत से किनारा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की छात्र संघ की पूर्व नेता शेहला रशीद ने सक्रिय व चुनावी सियासत से नाता तोड़ने का एलान किया। उन्होंने कहा कि वह उस सियासी प्रक्रिया का कभी हिस्सा नहीं बन सकती जो कश्मीरियों की प्रताड़ना को वैधता प्रदान करती हो।

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जेकेपीएम से जोड़ा था नाता : ग्रीष्मकालीन राजधानी के हब्बाकदल की शेहला इसी साल की शुरुआत में रियासत की सियासत में सक्रिय हुई थी। उन्होंने पूर्व नौकरशाह डॉ. शाह फैसल द्वारा स्थापित संगठन जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट से नाता जोड़ा। यह संगठन विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहा था कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटा जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। फेसबुक पेज किया पोस्ट : शेहला ने चुनावी सियासत से नाता तोड़ने के अपने फैसले की पुष्टि अपने फेसबुक पेज पर की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के संदर्भ में लिया फैसला दशकों तक लोगों को मुख्यधारा से दूर रखेगा। मुख्यधारा की सियासत में रहने का मतलब अपने लोगों के मौलिक अधिकारों व हितों के साथ समझौता करना है, वह ऐसी मुख्यधारा का हिस्सा नहीं रह सकती। इसलिए मैं स्पष्ट कर रही हूं कि मैं कश्मीर में चुनावी सियासत में हिस्सा लेने वाली मुख्यधारा की सियासत से खुद को पूरी तरह अलग करती हूं। मेरे लोगों को मौलिक अधिकारों और सुविधाओं से वंचित कर उन्हें तंग किया जा रहा है। राज्य में ब्लॉक विकास परिषदों के गठन के लिए जारी चुनाव प्रक्रिया के बीच शेहला का यह फैसला अहम है। यह चुनाव पंचायतों व लोगों को सशक्त बनाने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को बताने के लिए कि कश्मीर में सबकुछ सामान्य है, कराए जा रहे हैं। शेहला ने कहा कि कश्मीर के राजनीतिक नेताओं को जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।


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