अलगाववादी नेता सेहरई हिरासत में
सेहरई को पुलिस ने रविवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनके बगात बरजुला स्थित निवास स्थान से हिरासत में लिया। यहां से उन्हें सदर पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इसी दौरान पुलिस ने जमात-ए-इस्लामी के दस से 12 सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर में फलने-फूलने वाली अलगाववादी ताकतों की कमर तोड़ने के लिए प्रदेश प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। अलगाववादी संगठनों को सिर उठाने से पहले ही उन्हें दबाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन पद के प्रबल दावेदार माने जाने वाले अलगाववादी नेता एवं तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन अशरफ सेहरई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उन पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के कुछ सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया है। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन पद से कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दिया है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने यह भी संकेत दिए कि सेहरई पर जन सुरक्षा कानून भी लगाया जा सकता है।
सेहरई को पुलिस ने रविवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनके बगात बरजुला स्थित निवास स्थान से हिरासत में लिया। यहां से उन्हें सदर पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इसी दौरान पुलिस ने जमात-ए-इस्लामी के दस से 12 सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया। तहरीक-ए-हुर्रियत उन 26 संगठनों में एक है जो हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ जुड़े हैं। इस संगठन के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी थे, जिन्होंने हाल ही में हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन पद से त्यागपत्र दे दिया था। गिलानी के हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन पद से त्यागपत्र देने के बाद सेहरई की नजर हुर्रियत के चेयरमैन बनने पर थी। उन्हें हुर्रियत चेयरमैन पद का दावेदार माना जा रहा था। वह कट्टरवादी नेता है। उमर फारूक इन सबसे अलग हैं। उमर बातचीत के रास्ते कश्मीर में हिसा खत्म करने की बात करते हैं। बेटा जुनैद हिजबुल का जिला कमांडर था
सेहरई का बेटा जुनैद सेहरई हिजबुल मुजाहिदीन का जिला कमांडर था। मध्य कश्मीर के नवाकदल क्षेत्र में जुनैद इसी साल मई महीने में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था। अब अशरफ सहरेई को हिरासत में लेने के बाद कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कई अलगाववादी नेता पहले से ही हिरासत में
पिछले साल सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से पहले कई अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लिया था। अभी भी कई हिरासत में हैं। राज्य पुनर्गठन का एक साल पूरा होने में कुछ ही हफ्ते शेष हैं। ऐसे में एक बार फिर से सरकार ने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ अभियान छेड़ा है।
अशरफ सेहरई के अलावा प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के कुछ सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया है। इन पर जन सुरक्षा कानून लगाया जा सकता है।
दिलबाग सिंह, पुलिस महानिदेशक, जम्मू कश्मीर