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J&K : होटलों से निकलकर अब गांवों में जाएंगे सरपंच

जम्मू कश्मीर में पिछले साल नवंबर-दिसंबर में पंचायत चुनाव हुए थे जबकि ब्लॉक विकास परिषदों का गठन गत सप्ताह ही हुआ है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 11:27 AM (IST)
J&K : होटलों से निकलकर अब गांवों में जाएंगे सरपंच
J&K : होटलों से निकलकर अब गांवों में जाएंगे सरपंच

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । कश्मीर में आतंकियों के डर से श्रीनगर के विभिन्न होटलों और जिला मुख्यालयों में सुरक्षित आवासीय सुविधा ले रहे पंच-सरपंच जल्द ही अपने इलाकों में घूमते नजर आएंगे। पंचायतों में दौरे के समय इनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने कार्ययोजना पर अमल शुरू कर दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों को आतंकी खतरे का आकलन व उनके इलाके के सुरक्षा परिदृश्य के मुताबिक सुरक्षा कवच दिया जाएगा।

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जम्मू कश्मीर में पिछले साल नवंबर-दिसंबर में पंचायत चुनाव हुए थे, जबकि ब्लॉक विकास परिषदों का गठन गत सप्ताह ही हुआ है। वादी में अधिकांश पंच-सरपंच अपनी पंचायतों में नजर नहीं आते, क्योंकि आतंकियों द्वारा निशाना बनाए जाने के डर से यह सभी श्रीनगर के कुछ होटलों में सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षित आवासीय सुविधा में हैं या फिर जिला मुख्यालयों में। पूरे राज्य में करीब 39 हजार पंच-सरपंच हैं। इनमें से 19578 कश्मीर में हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने उन्हें उनके इलाके में जाने और ग्रामीण विकास में भागेदारी के लिए प्रोत्साहित करते हुए बीमा लाभ भी देने का एलान किया है। इसके बावजूद ये अपने इलाकों में नहीं जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण विकास विभाग की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। केंद्र सरकार ने राज्य में पंचायतों के लिए 3700 करोड़ की राशि मंजूर की है। इसमें से करीब एक हजार करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है।

जिला बडगाम में खाग तहसील के सरंपच अब्दुल रशीद खान ने कहा कि हम अपने इलाके में नहीं जा सकते, क्योंकि आतंकियों का डर है। हम यहां श्रीनगर में हैं। हम अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभा पा रहे हैं। बीडीसी चुनावों में अपने इलाके में गया था, तो लोगों ने खरीखोटी सुनाई। हमने राज्य प्रशासन से सुरक्षा मांगी है ताकि गांवों में जा सकें।

सभी को निजी तौर पर सुरक्षा देना बेहद पेचीदा

राज्य पुलिस के सिक्योरिटी विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा का मुद्दा बहुत पेचीदा है। प्रत्येक पंच-सरपंच को निजी तौर पर सुरक्षा प्रदान करना बहुत मुश्किल है। इसलिए हमने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर उनकी सुरक्षा का एक खाका तैयार किया है। सभी पंच-सरंपचों के इलाकों की कानून व्यवस्था का आकलन कर संबंधित इलाकों में समग्र सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। एक नियमावली कहें या गाइडलाइन तैयार की है। इसके तहत वह जब भी दौरे पर जाएं तो निकटवर्ती पुलिस चौकी और पुलिस स्टेशन व जिला पुलिस अधीक्षक को सूचित करें। उन्हें देर शाम गए उन इलाकों में जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है, जो आतंकियों के प्रभाव वाले हैं या फिर संवेदनशील हैं।

दौरे के दौरान चलेगा कांबिंग ऑपरेशन

सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधि द्वारा दौरे की सूचना देने पर संबंधित इलाकों में पुलिस अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर एक कांङ्क्षबग ऑपरेशन चलाकर अवांछित तत्वों को दूर रखेगी। इसके अलावा क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए पंचायत प्रतिनिधियों के साथ कोई सुरक्षा दस्ता भेजने या न भेजने का भी फैसला लिया जा सकता है।

हमने पंच-सरपंचों की सुरक्षा के बारे में संबंधित प्रशासन को पहले ही कहा है। इस पर कार्यवाही भी हुई है। पंचायत प्रतिनिधियों को सुरक्षित आवासीय सुविधा प्रदान की गई है।

-शीतल नंदा, सचिव ग्रामीण विकास विभाग 


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