कश्मीर में कड़ी सुरक्षा, जम्मू में जश्न का माहौल
राज्य ब्यूरो श्रीनगर कश्मीर घाटी में मंगलवार को दूसरे दिन भी प्रशासनिक पाबंदियों के चलत
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में मंगलवार को दूसरे दिन भी प्रशासनिक पाबंदियों के चलते जनजीवन ठप रहा। वहीं, जम्मू में धारा 144 लागू होने के बावजूद जश्न का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने तिरंगा लहराया और मिठाई बांटी।
वादी में सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज मौलवी उमर फारूक समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेता अपने घरों में नजरबंद रहे। नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती को एहतियातन चश्माशाही स्थित हरि निवास में बनाई गई अस्थायी उपजेल में रखा गया है। नेकां, पीडीपी और पीपुल्स कांफ्रेंस समेत कश्मीर केंद्रित विभिन्न राजनीतिक दलों के लगभग एक दर्जन प्रमुख नेता नजरबंद भी हैं।
वादी में धारा 144 के तहत मंगलवार को भी प्रशासनिक पाबंदियां जारी रही। मोबाइल, लैंडलाइन और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। सभी संवेदनशील इलाकों में आने जाने के रास्तों को कंटीली तारों से बंद रखा गया था। सिर्फ मुख्य सड़कों और अस्पतालों की तरफ आने जाने वाली सड़कों और आवश्यक सेवाओं पर कोई पाबंदी नहीं थी। दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान लगातार दूसरे दिन बंद रहे। सड़कों पर आम वाहनों की आवाजाही नाममात्र रही। गली-बाजारों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। इक्का-दुक्का लोग ही पैदल चलते या फिर अपने निजी वाहनों से गंतव्य स्थलों की तरफ जाते नजर आए। सड़कों, बाजारों व चौराहों पर सिर्फ केंद्रीय अर्धसैनिकबल, पुलिस के जवान और उनके वाहन ही दिखे।
हालांकि डाउन-टाउन में शाम के समय कुछ युवकों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर जुलूस निकालने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें वापस उनके घरों में खदेड़ दिया। पुलिस ने ऐसी किसी भी घटना से इन्कार करते हुए इसे बेबुनियाद बताया है।
राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने वादी समेत राज्य में स्थिति पूरी तरह शांत रहने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि किसी जगह कोई हिसा नहीं हुई है। श्रीनगर में ही नहीं उत्तरी व दक्षिणी कश्मीर में भी स्थिति नियंत्रण में है। हालात की लगातार समीक्षा की जा रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की गिरफ्तारी और नजरबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।