Move to Jagran APP

सोपोर में पुलिस दल पर हमले के 12 घंटे के भीतर सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी

सोपोर में सुबह सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया आतंकी एजाज अहमद वर्ष 2016 में जून माह के दौरान पाक रमजान के महीने ही आतंकी बना था।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 02 Jun 2017 11:06 AM (IST)Updated: Fri, 02 Jun 2017 11:06 AM (IST)
सोपोर में पुलिस दल पर हमले के 12 घंटे के भीतर सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी
सोपोर में पुलिस दल पर हमले के 12 घंटे के भीतर सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । उत्तरी कश्मीर के सोपोर में पुलिस दल पर हुए हमले के लगभग 12 घंटे के भीतर सुरक्षाबलों ने इस वारदात में लिप्त दो आतंकियों को जिंदा पकड़ने के साथ साजिश रचने वाले हिज्ब के दो नामी आतंकियों एजाज व बशारत को मुठभेड़ में मार गिराया। इस दौरान दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए।

loksabha election banner

पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने हिज्ब के दो आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों की सराहना की। वहीं आतंकियों की मौत के बाद सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों में तनाव व हिंसा भड़क उठी। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरे क्षेत्र में मोबाइल सेवा बंद कर दी है।

बता दें कि बुधवार शाम सोपोर के टीपी चौक में स्थित जम्मू-कश्मीर बैंक की स्थानीय शाखा के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों पर आतंकियों ने एक ग्रेनेड फेंका था। इस हमले में राज्य पुलिस के चार कर्मी घायल हो गए थे। हमले के बाद आतंकी वहां से भाग निकले थे। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी में आतंकी कैद हो गए। सुरक्षाबलों ने सीसीटीवी की फुटेज के आधार पर दो आतंकियों महराजुदीन मीर पुत्र खिजर मुहम्मद और मुहम्मद रफीक लोन उर्फ रफी पुत्र गुलाम मुहम्मद की निशानदेही हुई। ये दोनों नाथिपोरा, सोपोर के रहने वाले हैं और कुछ समय पहले ही हिजबुल का हिस्सा बने थे। पुलिस ने आधी रात को मेहराजुदीन को पकड़ा। उसकी निशानदेही पर रफीक लोन भी पकड़ा गया। उनके पास से पुलिस ने दो पिस्तौल और चार ग्रेनेड भी बरामद किए।

मेहराज व रफीक ने पूछताछ में बताया कि ग्रेनेड हमले का जिम्मा उन्हें हिज्ब के वांछित कमांडरों एजाज व बशारत ने सौंपा था और ये दोनों नाथिपोरा (सोपोर) में छिपे हैं। इस सुराग के आधार पर वीरवार तड़के पौने तीन बजे सुरक्षाबलों ने नाथिपोरा में घेराबंदी शुरू की। आतंकियों ने अपना ठिकाना मेहराज के घर में बना रखा था। सुबह सेहरी से कुछ समय पहले जवानों ने आतंकियों के ठिकाने की तरफ बढ़ने का प्रयास किया। मकान में छिपे आतंकियों ने उन्हें देख फायर करते हुए भागना चाहा, लेकिन जवानों ने त्वरित कार्रवाई कर उन्हें मुठभेड़ में उलझा लिया। इस दौरान आतंकियों को कई बार आत्मसमर्पण की चेतावनी भी दी गई, लेकिन वह नहीं माने और गोली चलाते रहे। जवानों की जवाबी में दोनों आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद भी मिला है।

मुठभेड़ में दो स्थानीय आतंकियों बराथ कलां निवासी एजाज अहमद मीर और बोम्मई निवासी बशारत अहमद शेख के मारे जाने की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव पैदा हो गया। बड़ी संख्या में लोग उत्तेजक नारेबाजी करते हुए सड़कों पर ¨हसा करने लगे। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षबलों ने भी बल प्रयोग किया और ¨हसक भीड़ को खदेड़ा। स्थिति को भांपते हुए प्रशासन ने सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों में मोबाइल फोन सेवा को पूरी तरह ठप करते हुए शिक्षण संस्थान भी बंद कर दिए। दोपहर बाद दोनों आतंकियों को हजारों लोगों की मौजूदगी में दफनाया गया। देर शाम तक सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों में तनाव बना हुआ था।

बशारत ने पाक में ली थी जिहादी ट्रेनिंग :

मुठभेड़ में मारा गया बशारत अहमद शेख 14 मार्च 2016 को हिज्ब में बतौर सक्रिय आतंकी शामिल हुआ था। इसके बाद वह आतंकी ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान भी गया और करीब तीन माह वहां रहने के बाद वापस उत्तरी कश्मीर में आकर आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हो गया था।

मारे गए आतंकियों से मिला सामान :

दो एके-47 राइफलें, पांच मैगजीन, 107 कारतूस, दो पाउच, दो रबर स्टांप, आतंकी साहित्य, डायरी, दो हजार रुपये की नकदी के अलावा कुछ अन्य आपत्तिजनक सामग्री।

जनाजे में आतंकी भी पहुंचे :

आतंकी एजाज अहमद और बशारत के जनाजे में कुछ आतंकी भी शामिल हुए। प्रत्यक्षदशियों के मुताबिक, आतंकियों ने हवा में गोली भी चलाई। इस दौरान आजादी समर्थक व जिहादी नारेबाजी भी हुई, लेकिन पुलिस ने मारे गए आतंकियों के जनाजे में उनके साथियों के आगमन की पुष्टि नहीं की है।

एजाज बीते रमजान में बना था आतंकी :

सोपोर में सुबह सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया आतंकी एजाज अहमद वर्ष 2016 में जून माह के दौरान पाक रमजान के महीने ही आतंकी बना था। आतंकी बनने से पहले वह भोपाल विश्वविद्यालय में एमए इस्लामिक स्टडीज में पीजी कर रहा था, लेकिन कश्मीर विश्वविद्यालय में एलएलबी पाठयक्रम में चयन होने के बाद उसने इस्लामिक स्टडीज का कोर्स छोड़ एलएलबी करने का फैसला किया था।

वह घर से कश्मीर विश्वविद्यालय में एलएलबी के पाठयक्रम में दाखिला लेने निकला था, लेकिन आतंकी संगठन में शामिल हो गया था। वह जुलाई 2013 में राष्ट्रविरोधी गतिविध्यिों के आरोप में पकड़ा गया था। कुछ समय बाद वह जेल से छूटा था और सोपोर में आतंकियों द्वारा की गई हत्या की दो वारदातों में उसका नाम भी आया था। इस मामले में भी वह पकड़ा गया और जमानत पर रिहा होने के बाद बीते साल आतंकी संगठन में सक्रिय रूप से शामिल हो गया।

 यह भी पढ़ें: अदभुत है क्षीर भवानी मंदिर, इस बार क्षीर भवानी मेले मे शामिल नही होगे कश्मीरी पंडित

यह भी पढ़ें: अयोध्या में रामजन्म भूमि पर राम मंदिर बनाने के लिए मुस्लिमों ने भेजी ईंटें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.