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आवंटन शक्तियों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर लगी मुहर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में व्य

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:13 PM (IST)
आवंटन शक्तियों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर लगी मुहर
आवंटन शक्तियों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर लगी मुहर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यय आवंटन शक्तियों को योजना विभाग से वित्तीय विभाग में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

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एसएसी के फैसले के बाद संसाधनों के आवंटन, प्राधिकार, जारी करना, पुनर्वैधीकरण, पुनर्विनियोजन कार्य व अधिकार जो योजना विकास एवं निगरानी विभाग (पीडीएंडएमडी) के पास थे। अब वित्त विभाग के पास चले गए हैं। वित्त विभाग ही इन कार्यो को करेगा। जबकि पीडीएंडएमडी निगरानी का जिम्मा संभालेगा।

पीडीएंडएमडी विभाग से संसाधन आवंटन के अधिकार वित्त विभाग को सौंपे जाने का फैसला राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई एसएसी की बैठक में लिया गया है। बैठक में राज्यपाल के तीनों सलाहकार बीबी व्यास, के विजय कुमार, खुर्शीद कुमार गनई, राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम और प्रधान सचिव उमंग नरुला भी मौजूद थे। एसएसी के मुताबिक राज्य व केंद्र स्तर पर संसाधन जुटाने और आवंटन की परिस्थितियों में आए बदलाव के चलते संसाधनों और निधि आवंटन के अधिकार वित्त विभाग को देना अनिवार्य हो चुका है। राजस्व और कैपेक्स में खर्च आवंटन को एक ही जगह वित्त विभाग में रखने से बजटीय आवंटन में न सिर्फ सुसंगतता आएगी बल्कि एक नियंत्रक प्राधिकरण के होने से खर्च के लिए जवाबदेयता को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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मानव संसाधन के सदुपयोग को यकीनी बनाया जाएगा : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने बताया कि वित्त और योजना विभाग में उपलब्ध मानव संसाधन के सदुपयोग को वित्त विभाग के पुनर्गठन के जरिए यकीनी बनाया जाएगा। पुनर्गठित वित्त विभाग का लेखा और निदेशालय, स्थापना निदेशालय (कोड डिवीजन), संस्थागत वित्त और संसाधन निदेशालय, राजस्व प्रभाग, बजट प्रभाग और व्यय प्रभाग के कार्यकलाप पर प्रशासनिक नियंत्रण रहेगा। जबकि योजना, विकास और निगरानी विभाग, योजना प्रभाग, आíथक और सांख्यिकी प्रभाग और विशेष कार्य प्रभाग के कामकाज की देखभाल करेगा।

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तय की जाएगी जिम्मेदारी

मुख्य सचिव ने कहा कि नई व्यवस्था के मुताबिक वित्त विभाग अब जम्मू-कश्मीर लेखा सेवा, पर्यवेक्षण और सभी खजाने और भुगतान के प्रबंधन के कैडर नियंत्रण प्राधिकरण सहित वाíषक कार्यो, सभी लेखा परीक्षा रिपोर्ट सहित सभी सीएंडजी मामलों और अनुवर्ती, सभी की परीक्षा विभाग में पदों के निर्माण/उन्मूलन/तर्कसंगतता के प्रस्ताव, सेवा मामलों के संबंध में सभी नियमों और विनियमों की समीक्षा, नियमितीकरण से संबंधित सभी मामलों, वेतन और भत्ते से संबंधित सभी मुद्दों पर राय, अध्ययन छुट्टी/ चिकित्सा नियम, कैडर नियंत्रण प्राधिकरण और जम्मू-कश्मीर आíथक और सांख्यिकी सेवाओं के सेवा मामलों, वित्तीय संस्थानों के माध्यम से संसाधन उत्पादन से संबंधित सभी मामलों, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत फंड प्रवाह की निगरानी, जीएसटी से संबंधित मामले, आबकारी व अन्य कर, व्यावसायिक एवं आबकारी विभाग से संबधित सभी निजी काíमक व नितिगत मामले, मासिक राजस्व वसूली की निगरानी और बजट बनाने के लिए राजस्व अनुमान, वाíषक बजट बनाना, संशोधित अनुमान और विधायिका के माध्यम से इसके पारित होने, समय पर बजट जारी करना, बजट के विभिन्न घटकों के लिए मानदंड तय करना और इसके संशोधन, धन की अतिरिक्त आवश्यकता से संबंधित मुद्दों, विनियमन, व्यय निगरानी कक्ष के माध्यम से नियमित आधार पर व्यय की निगरानी, योजनाओं के क्रियान्वयन पर खर्च में तेजी, अपर्याप्त व्यय का उन्मूलन व नियंत्रण , दिशानिर्देश जारी करने और कुशल और मानक-आधारित व्यय के लिए प्रक्रियाओं के लिए लाइन विभागों के साथ बातचीत के लिए जिम्मेदार होगा।

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केंद्रीय योजनाओं की होगी निगरानी

मुख्य सचिव ने बताया कि पीडीएंडएमडी विभाग पीएमडीपी आयुष्मान भारत, सौभाग्य और उज्ज्वला जैसे अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों व परियोजनाओं की निगरानी, विशेष योजना के तहत व्यय की संबधित केंद्रीय मंत्रालयों को नियमित रिपोíटंग, उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने की जिम्मेदारी संभालने के अलावा विकास कार्यो में आने वाली बाधाओं को हल करना, लंबी अवधि के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों के लिए विजन दस्तावेज/योजना की तैयारी जिसके खिलाफ आवंटन वाíषक आधार पर किया जाएगा, संसाधनों की उपलब्धता के अधीन, कार्य योजना की तैयारी में सुधार, जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा या अन्य सामाजिक क्षेत्रों में प्रमुख मानदंड, केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा जारी किए गए विभिन्न नीति दस्तावेजों की परीक्षा और राज्य के लिए आवश्यक संशोधन के साथ अनुकूलन, आíथक और सांख्यिकीय डेटा संग्रह और इसकी वाíषक रिपोर्ट तैयार करना, बजट तैयार करने, परामर्श सेवा के लिए महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करना, विभिन्न योजनाओं की डीपीआर तैयार करना भी पीडीएंडएमडी के अधिकार में होगा।

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जम्मू-कश्मीर अर्थशास्त्र और सांख्यिकी सेवा का कैडर नियंत्रण प्राधिकरण होगा

मुख्यसचिव ने बताया कि पीडीएंडएमडी अगले आदेश तक जम्मू-कश्मीर अर्थशास्त्र और सांख्यिकी सेवा का कैडर नियंत्रण प्राधिकरण होगा। प्रधान सचिव वित्त विभाग की अध्यक्षता वाली एक समिति जिसमें प्रधान सचिव पीडीएंडएमडी और सचिव आयुक्त जीएडी बतौर सदस्य होंगे। पीडीएंडएमडी के स्टाफ को इन देानों विभागों में नियुक्त करने की सिफारिश करेगी।


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