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Jammu And Kashmir: आतंकियों से लोहा लेने के साथ ही जान पर खेल बुजुर्गों, महिलाओं व बच्‍चों की हिफाजत कर रहे सेना के जवान

Anantnag Gunfight सेना के जवान आतंकियों से लोहा लेने के साथ ही बुजुर्गों महिलाओं और बच्‍चों की सुरक्षा का भी पूरा ध्‍यान रख रहे हैं। सुरक्षा बलों के जवान आतंकियों से होने वाली मुठभेड़ के दौरान जान की बाजी लगाकर बच्‍चों बजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 06:33 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 06:33 PM (IST)
Jammu And Kashmir: आतंकियों से लोहा लेने के साथ ही जान पर खेल बुजुर्गों, महिलाओं व बच्‍चों की हिफाजत कर रहे सेना के जवान
भारतीय सेना के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बुजुर्गों की मदद की।

श्रीनगर, एएनआइ। Anantnag Gunfight: जम्‍मू-कश्‍मीर में सुरक्षा बल और सेना के जवान आतंकियों से लोहा लेने के साथ ही बुजुर्गों, महिलाओं और बच्‍चों की सुरक्षा का भी पूरा ध्‍यान रख रहे हैं। सुरक्षा बलों के जवान आतंकियों से होने वाली मुठभेड़ के दौरान जान की बाजी लगाकर बच्‍चों, बजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। भारतीय सेना के चि‍नार कोर के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने बताया कि बीते 25 सितंबर को सुरक्षा बलों ने इसी प्रतिबद्धता का परिचय दिया था। सेना के मुताबिक, बीते 25 सितंबर को जब अनंतनाग में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही थी तो इस दौरान भारतीय सेना के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बुजुर्गों की मदद की। सुरक्षा बल के जवान गोलीबारी के बीच घटनास्‍थल पर फंसे हुए बुजुर्गों को निकाला। सेना ने कहा कि वह अपनी महान सेना के जवानों के अदम्य साहस और इंसानियत को तहेदिल से सलाम करती है। अनंतनाग मुठभेड़ में लश्कर के दो आतंकी मारे गए थे।

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इससे पहले जुलाई, 2020 में सोपोर मुठभेड़ के दौरान सेना के जवानों ने एक मासूम को बचाया था। मासूम अपने दादा के शव पर बैठकर रो रहा था। सिसकियों के बीच सिर्फ यही आवाज आ रही थी कि उसे मां के पास जाना है। जवान ने उसे गोलियों से बचकर दूसरी तरफ आने का इशारा किया। वह उसे सुरक्षित बचाना चाहता था। वो बच्चा उस जवान के पास आया। उसे तो शायद ये भी नहीं मालूम था कि दादा अब नहीं उठेंगे। बच्चे को एक दूसरे जवान के हवाले कर इस गोलीबारी वाली जगह से दूर ले जाया गया। तब भी रुक-रुककर फायरिंग तो चल ही रही थी। बच्चा भी रोए जा रहा था। बुलेट प्रूफ पहने एक सैनिक ने बड़े दुलार से उसे गोद में उठा रखा था। मुटि्ठयों में बिस्किट और चॉकलेट्स रख दीं। कुछ शायद पहले से उसकी मुटि्ठयों में थीं भी। बिस्किट टूट चुके थे, तो कुछ दादा के खून से सने थे।


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